DeepSeek ban PIL: दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को एक जनहित याचिका (PIL) पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया, जिसमें चीनी एआई प्लेटफॉर्म DeepSeek पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई थी. अदालत ने कहा कि इस प्लेटफॉर्म का उपयोग अनिवार्य नहीं है, और यदि कोई इसे खतरनाक मानता है, तो वह इसका उपयोग न करे.
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क्या है मामला?
जनहित याचिका में DeepSeek प्लेटफॉर्म को लेकर data privacy और cyber security से जुड़े खतरे उठाए गए थे. याचिकाकर्ता का तर्क था कि यह प्लेटफॉर्म भारतीय यूजर्स की संवेदनशील जानकारी एकत्र कर सकता है, जिससे देश की national security को गंभीर खतरा हो सकता है. इस पर याचिकाकर्ता ने तत्काल सुनवाई की मांग की थी.
कोर्ट का रुख
मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की खंडपीठ ने तत्काल सुनवाई से इनकार करते हुए कहा कि इस प्लेटफॉर्म का उपयोग करना अनिवार्य नहीं है. कोर्ट ने कहा, 'अगर यह इतना खतरनाक है, तो इसका उपयोग न करें. क्या इसे उपयोग करना आपके लिए अनिवार्य है?'
दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश Devendra Kumar Upadhyaya और जस्टिस Tushar Rao Gedela Photograph: (Social Media)
सरकार की भूमिका पर सवाल
याचिकाकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार इस मुद्दे पर कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है. उन्होंने केंद्र सरकार से इस प्लेटफॉर्म की security review करने और यदि आवश्यक हो, तो प्रतिबंध लगाने की अपील की. हालांकि, अदालत ने इस दलील को स्वीकार नहीं किया और तत्काल सुनवाई करने से इनकार कर दिया.
इस फैसले के बाद याचिकाकर्ता को अब इस मामले को नियमित सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कराने के प्रयास करने होंगे. इस बीच, सरकार पर भी दबाव बढ़ सकता है कि वह इस प्लेटफॉर्म की सुरक्षा और गोपनीयता नीतियों की समीक्षा करे.