छत्तीसगढ़ में बेमौसम बारिश ने बढ़ाई मुश्किलें, पारा नीचे लुढ़का सर्दी बढ़ी
छत्तीसगढ़ आमतौर पर अधिक गर्मी के लिए जाना जाता है लेकिन इस बार ठंड में लोगों को यहां काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
नई दिल्ली:
छत्तीसगढ़ में बेमौसम बारिश के कारण राज्य के कई हिस्सों में तापमान में गिरावट दर्ज की गई है. इस बारिश से खुले में खरीफ की अपनी फसल रखने वाले किसान भी प्रभावित हुए हैं. छत्तीसगढ़ आमतौर पर अधिक गर्मी के लिए जाना जाता है लेकिन इस बार ठंड में लोगों को यहां काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. राज्य के कई हिस्सों में पिछले दो दिनों से बारिश के कारण ठंड बढ़ गई है, जिससे अनेक जिलों में इस रविवार तक स्कूलों में छुट्टी दे दी गई है. वहीं बेमौसम बारिश के कारण खुले में रखा धान भी भीग गया है. रायपुर मौसम केंद्र के मौसम विज्ञानियों ने बताया कि आज राज्य के रायपुर शहर में न्यूनतम तापमान 14.6 डिग्री सेल्सियस, अम्बिकापुर में 11.8 डिग्री, बिलासपुर में 14.2 डिग्री, और जगदलपुर में 16.5 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया है.
अगले तीन दिनों के दौरान छत्तीसगढ़ के न्यूनतम तापमान में और गिरावट होने की संभावना है. राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने आज यहां बताया कि राज्य में ठंड को देखते हुए रायपुर, बिलासपुर, रायगढ़ और दुर्ग समेत कई शहरों में स्कूलों में रविवार तक छुट्टी बढ़ा दी गई है. जिलों के कलेक्टरों ने शुक्रवार और शनिवार को विशेष अवकाश के आदेश जारी कर दिए हैं. राज्य के उत्तर सरगुजा क्षेत्र में कड़ाके की ठंड पड़ रही है तथा यहां कई स्थानों पर ओस के जमने की भी खबर है. उन्होंने बताया कि अगले 48 घंटों के दौरान राज्य के उत्तर में स्थित सभी जिलों में कुछ स्थानों पर मध्यम से घना धुंध छाने की संभावना है. वहीं सभी जिलों में हल्की से मध्यम धुंध छाने की संभावना है.
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राज्य में इन दिनों किसानों से धान खरीदी हो रही है और बेमौसम बारिश के कारण खुले में रखे धान के भीगने की भी खबर है. राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में हो रही बारिश से उपार्जन केन्द्रों में रखे धान को बचाने के लिए समुचित इंतजाम करने का निर्देश सभी जिला कलेक्टरों को दिया है. मुख्यमंत्री ने कहा है कि धान को व्यवस्थित तरीके से तिरपाल से ढक कर रखा जाए और उपार्जन केन्द्रों में पानी निकासी की भी समुचित व्यवस्था रहे जिससे निचले हिस्से का धान खराब न होने पाए. बघेल ने किसानों को सलाह दी है कि कि वे अपने धान को मौसम देखकर ही बेचने लाएं जिससे उनके धान में नमी न आने पाए.
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इधर राज्य में कड़ाके की ठंड की वजह से अस्पतालों में जुकाम और सांस से संबंधित मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. चिकित्सक दीपक जायसवाल ने बताया कि इन दिनों जुकाम और इससे संबंधित मरीजों की संख्या बढ़ गई है. ठंड की वजह से प्रदूषण बढ़ने के कारण कई लोगों को सांस लेने में तकलीफ का सामना करना पड़ रहा है. जायसवाल ने बताया कि ठंड के साथ नमी होने के कारण इस मौसम में निमोनिया होने की आंशका रहती है. बच्चों और बुजुर्गों को ठंड से बचने की सलाह दी जा रही है. भाषा संजीव अमित अमित
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