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छत्तीसगढ़: दंतेवाड़ा में तीन नक्सली गिरफ्तार, एक ने किया आत्मसमर्पण

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में पुलिस ने एक इनामी नक्सली समेत तीन नक्सलियों को गिरफ्तार किया है.

Updated on: 05 May 2019, 12:07 PM

नई दिल्ली:

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में पुलिस ने एक इनामी नक्सली समेत तीन नक्सलियों को गिरफ्तार किया है. वहीं एक अन्य नक्सली ने आत्मसमर्पण कर दिया है. दंतेवाड़ा (Dantewada) जिले के पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव ने शनिवार को यहां बताया कि जिले के कुआकोंडा पुलिस थाना क्षेत्र में पुलिस ने दो नक्सलियों हड़मा मड़कम (22) और देवा बरसे (21) को गिरफ्तार किया है तो वहीं किरंदुल थाना क्षेत्र में हिड़मा कवासी (25) को गिरफ्तार किया गया है.

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पल्लव ने बताया कि गत दो मई को किरंदुल थाना क्षेत्र के अंतर्गत पेरपा और मडकामिरास गांव के मध्य जंगल में पुलिस और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में पुलिस दल ने नक्सली कमांडर माडवी मुइया को मार गिराया था. वहीं कवासी को पैर में गोली लगी थी जिससे वह घायल हो गया था. घटना के बाद नक्सलियों ने कवासी का इलाज गुज्जापारा क्षेत्र में किया तथा उसे बाद में अन्य स्थान के लिए भेज दिया गया था. जब पुलिस को इसकी सूचना मिली तब डीआरजी, छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल और जिला पुलिस के संयुक्त दल को रवाना किया गया तथा गुज्जापार गांव के करीब से कवासी को गिरफ्तार कर लिया गया.

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि कवासी मलांगिर एरिया कमेटी का कमांडर है तथा बारूदी सुरंग बिछाने में वह माहिर है. कवासी के सिर पर आठ लाख रुपए का इनाम घोषित था. उन्होंने बताया कि एक अन्य घटना में पुलिस दल ने कुआकोंडा पुलिस थाना क्षेत्र में हड़मा मड़कम और देवा बरसे को गिरफ्तार कर लिया है. दोनों नक्सली जनमिलिशिया के सदस्य हैं. दोनों जब बर्रेवेसा गांव के करीब नक्सली पर्चा लगा रहे थे तब पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया.

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पल्लव ने बताया कि जिले में नक्सलियों (Naxalites) को सामान मुहैया कराने वाले टीम का हिस्सा रहे नक्सली सदस्य नीलू भास्कर ने आज पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है. अधिकारी ने बताया कि भास्कर पिछले पांच वर्ष से संगठन में था और वह आंध्र प्रदेश में रहकर दक्षिण बस्तर में नक्सलियों को विस्फोटक, दवाइयां, इलेक्ट्रानिक सामान, वर्दी और अन्य सामान मुहैया कराता था. कुछ समय पहले ही उसे पेरपा भेजा गया था तथा उसे क्षेत्र में सुरक्षा बलों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए कहा गया था. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि भास्कर ने पुलिस को बताया कि उसने माओवादियों की खोखली विचारधारा से निराश होकर आत्मसमर्पण करने का फैसला किया.

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