13 साल बाद फिर से खुला यह स्कूल, नक्सलियों ने किया था ध्वस्त
डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर चंदन कुमार ने कहा कि इन बच्चों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए यह एक बड़ा कदम है.
नई दिल्ली:
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिले सुकमा के जगरगुंडा इलाके में नक्सली हमले में ध्वस्त हुए स्कूल को 13 साल के बाद फिर से खोला गया है. साल 2006 में इस स्कूल को नक्सलियों ने ध्वस्त कर दिया था. अब इस स्कूल के खुलने से स्थानीय लोगों में खुशी का माहौल है. इस मौके पर सुकमा के डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर चंदन कुमार ने कहा कि इन बच्चों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए यह एक बड़ा कदम है. उन्होंने बताया कि इस साल यहां 300 से अधिक छात्रों के दाखिल लेने की उम्मीद है.
Chhattisgarh: School in Naxal affected Jagargunda area in Sukma reopens after 13 yrs of Naxal attack. It was demolished by Naxals in 2006. Dist Collector C. Kumar says,"It's a big step to connect these children with mainstream. Over 300 students expected to enroll here this year" pic.twitter.com/tlv42AeTKC
— ANI (@ANI) June 29, 2019
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वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि सलवा जुडूम (बढ़ती नक्सल हिंसा के खिलाफ एक आंदोलन) के दौरान नक्सली हिंसा में कई इमारतों को ध्वस्त कर दिया गया था. ऐसे में बच्चों को पढ़ने के लिए दूसरे गांवों के स्कूलों में भेजना पड़ा क्योंकि जगारगुंडा में कोई स्कूल नहीं बचा था. स्थानीय लोगों ने कहा कि अब यह अच्छा लगता है कि हमारे यहां एक स्कूल है.
Chhattisgarh: Locals say, “Several buildings were demolished in Naxal violence during Salwa Judum (a movement against growing Naxal violence). Children had to be sent to schools in other villages as no schools were left in Jagargunda. Now it feels good that we've a school here.” https://t.co/qq7yTYIECQ
— ANI (@ANI) June 29, 2019
बता दें कि छत्तीसगढ़ का सुकमा जिला आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की सीमा पर है. यहां नक्सलियों का आतंक है और ग्रामीणों से लेकर सरकारी मशीनरी को धमकाना उनके लिए आम बात है. घने जंगलों में बसे ग्रामीण इलाकों में सरकारी अमला जाने तक से डरता है.
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कर्मचारियों का डर खत्म करने और ग्रामीणों में प्रशासन के प्रति भरोसा पैदा करने के लिए डिस्ट्रिक्ट (कलेक्टर) चंदन कुमार और पुलिस अधीक्षक शलभ सिन्हा ने हाल ही में साहस का परिचय देते हुए जिले के दूरवर्ती इलाके का दौरा मोटरसाइकिल से किया था. उन्होंने खुद को ही खतरे में डालकर मोटरसाइकिल से कई किलोमीटर लंबी यात्रा की और ग्रामीण इलाके के हालात का जायजा लिया था.
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