छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में कांग्रेस की सरकार राजनीतिक प्रकरणों को खत्म करने जा रही है. प्रदेश में आचार संहिता लगने के पहले सरकार ने मंत्रिमंडल की उपसमिति का गठन किया था. गृह मंत्री की अध्यक्षता में गठित इस उपसमिति की बैठक आचार संहिता खत्म होने के बाद आयोजित की जाएगी.
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राज्य सरकार के गृह विभाग ने सभी कलेक्टरों और एसपी से 15 दिन में राजनीतिक प्रकरणों से जुड़े मामलों की जानकारी मांगी है. इससे पहले उपसमिति की अनुशंसा पर केस खात्मा के एक प्रकरण पर विवाद हो चुका है. दरअसल मंत्रिमंडल की उपसमिति जनहित से जुड़े मुद्दे, सामाजिक या राजनीतिक आंदोलनों से जुड़े प्रकरणों को खत्म करने की अनुशंसा करती है.
पिछले दिनों गृह विभाग की अनुशंसा पर दल्ली राजहरा के एक व्यक्ति के प्रकरणों को खत्म करने की अनुशंसा कोर्ट में भेजी गई थी. उक्त व्यक्ति पर गंभीर धाराओं के 19 केस लंबित थे. मामलों की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट ने अनुशंसा खारिज कर दी. अब सभी मामलों को उपसमिति के सामने रखा जाएगा उसके बाद ही खात्मा पर निर्णय लिया जाएगा.
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गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद ही यह घोषणा की गई थी कि राजनीतिक मामलों का खात्मा किया जाएगा. कांग्रेस (Congress) की ओर से यही कहा जा रहा है कि उपसमिति के सामने आने पर सभी दलों के राजनीतिक मामलों निर्णय होगा. लेकिन 15 साल तक विपक्ष में रहते हुए ज्यादातर मामले कांग्रेस के नेताओं पर ही दर्ज हुए हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि सरकार कांग्रेसियों पर दर्ज मामलों का खात्मा करने जा रही है.
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HIGHLIGHTS
छत्तीसगढ़ में नेताओं पर दर्ज राजनीतिक के होंगे खत्म.
गृह विभाग ने 15 दिन में राजनीतिक केसों से जुड़ी जानकारी मांगी.
पहले सभी मामलों को उपसमिति के सामने रखा जाएगा.
सरकार ने मंत्रिमंडल की उपसमिति का गठन किया था.
Source : News Nation Bureau