logo-image

प्रधानमंत्री ने रायपुर में नेशनल इंस्टीट्यूट बायोटेक स्ट्रेस मैनेजमेंट परिसर का किया लोकार्पण

प्रधानमंत्री मोदी ने जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से फसलों को बचाने के लिए छत्तीसगढ़ की तारीफ, पीएम ने गोबर से विद्युत उत्पादन और छत्तीसगढ़ मिशन मिलेट के लिए मुख्यमंत्री बघेल की पहल को सराहा

Updated on: 28 Sep 2021, 11:52 PM

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री ने छत्तीसगढ़ राज्य में सुराजी गांव योजना के तहत गांव में निर्मित गौठानों में गोधन न्याय योजना के तहत गोबर की खरीदी और उससे जैविक खाद के साथ-साथ अब बिजली उत्पादन की राज्य सरकार की योजना को भी सराहा. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस समय हमें किसानों को फसल आधारित लाभ से बाहर निकालकर वेल्यू एडिशन की ओर ले जाने की जरूरत है. उन्होंने मौसम की स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप फसल उत्पादन को बढ़ावा देने पर जोर दिया. छत्तीसगढ़ राज्य में लघु धान्य फसलों (मिलेट्स) को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा शुरू किए गए मिशन मिलेट को उन्होंने समय की जरूरत कहा। प्रधानमंत्री ने इस मौके पर विशेष गुणों वाली 35 फसलों की किस्में भी राष्ट्र को समर्पित की.


मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नेशनल इंस्टीट्यूट बायोटेक स्ट्रेस मैनेजमेंट के नये परिसर के लोकार्पण अवसर पर अपने निवास कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए शामिल हुए. बघेल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित सभी लोगों का अभिनंदन करते हुए कहा कि जलवायु सहिष्णुता तकनीकी एवं पद्धतियों के प्रचार-प्रसार के लिए भारत सरकार द्वारा शुरू किए जा रहे जागरूकता अभियान में छत्तीसगढ़ की व्यापक भागीदारी होगी.

मुख्यमंत्री ने इस मौके पर जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का विस्तार से उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं. नरवा, गरवा, घुरूवा, बाड़ी के माध्यम से प्राकृतिक संसाधनों को संरक्षण एवं स्थानीय संसाधनों के बेहतर उपयोग से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है. गोधन न्याय योजना और राजीव गांधी किसान न्याय योजना से खेती-किसानी को समृद्ध बनाने की पहल की गई है. राज्य में गोधन न्याय योजना के तहत गौठानों में गोबर की खरीदी कर उससे जैविक खाद का उत्पादन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब गोबर से बिजली उत्पादन की शुरूआत 2 अक्टूबर से करने जा रहे हैं.