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अब गंभीर बीमारी के इलाज में 5 लाख रुपये से ज्यादा की मदद मिल सकेगी, जानें कैसे

देश और प्रदेश में लागू हर तरह की स्वास्थ्य स्कीम में इलाज के लिए अधिकतम 5 लाख रुपये की मदद मिल सकती है. लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार इस सीमा को बढ़ाने की तैयारी कर रही है.

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Yogendra Mishra
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भूपेश बघेल।( Photo Credit : फाइल फोटो)

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देश और प्रदेश में लागू हर तरह की स्वास्थ्य स्कीम में इलाज के लिए अधिकतम 5 लाख रुपये की मदद मिल सकती है. लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार इस सीमा को बढ़ाने की तैयारी कर रही है. प्रदेश में जल्द लागू होने वाली यूनिवर्सल हेल्थ स्कीम में गंभीर बीमारी वाले मरीजों को 5 लाख रुपये से अधिक की मदद दी जाएगी. इतना ही नहीं इलाज में मदद की पूरी प्रक्रिया अब ट्रस्ट के जरिए होगी. स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव के मुताबिक यह स्कीम अगली कैबिनेट से पहले लागू हो सकती है.

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सीएम भूपेश बघेल ने हाल ही में यह घोषणा की थी कि प्रदेश सरकार जल्द ही आयुष्मान भारत योजना और मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना का पूर्ण संचालन करेगी. सीएम की घोषणा के बाद इसके लिए ट्रस्ट बनाने की दिशा में काम शुरु हो गया है. सरकार इसी के तहत गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीजों को पांच लाख रुपये से ज्यादा की राशि मरीजों को इलाज के लिए मुहैया कराएगी. इस पूरे काम में कोई भी बीमा कंपनी अपनी भूमिका नहीं निभाएगी.

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वर्तमान में केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही आयुष्मान भारत योजना और राज्य सरकार की मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत मरीजों का इलाज किया जाता है. इसमें केंद्र का अंशदान 60 फीसदी और राज्य का 40 फीसदी रहता है. केंद्र सरकार की ओर से राज्यों को बीमा कंपनियों या फिर ट्रस्ट बनाकर इस योजना का लाभ देने का विकल्प दिया गया था.

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निजी और सरकारी अस्पतालों में जरूरत के मुताबिक मुफ्त इलाज के लिए विभिन्न बीमारियों, उनके टेस्ट, दवाइयों पर खर्च और डॉक्टरों व अस्पतालों की फीस के आधार पर पैकेज का खाका तैयार किया हुआ है. जानकारी के मुताबिक मौजूदा अनुबंधित बीमा कंपनी रेलिगेयर से राज्य सरकार का अनुबंध सितंबर में खत्म हो चुका है. लेकिन तैयारी पूरी न होने के कारण अनुबंध को नवंबर तक बढ़ा दिया गया. दिसंबर से ट्रस्ट मोड पर योजनाएं संचालित होने लगेंगी. बीमा कंपनी को सालाना 400 करोड़ रुपये का भुगतान हो रहा था. सरकार का मानना है कि ट्रस्ट के माध्यम से इलाज करवाने से इन पैसों का सदुपयोग हो पाएगा.

Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो

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