छत्तीसगढ़: भीमा मंडावी हत्या मामले में एनआईए ने दाखिल किया आरोप पत्र

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में भारतीय जनता पार्टी के विधायक भीमा मंडावी और चार अन्य पुलिस कर्मियों की हत्या के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने जगदलपुर की विशेष अदालत में आरोप पत्र दाखिल कर दिया है.

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में भारतीय जनता पार्टी के विधायक भीमा मंडावी और चार अन्य पुलिस कर्मियों की हत्या के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने जगदलपुर की विशेष अदालत में आरोप पत्र दाखिल कर दिया है.

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Vineeta Mandal
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naxal area ( Photo Credit : (सांकेतिक चित्र))

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में भारतीय जनता पार्टी के विधायक भीमा मंडावी और चार अन्य पुलिस कर्मियों की हत्या के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने जगदलपुर की विशेष अदालत में आरोप पत्र दाखिल कर दिया है. एआईए ने एक बयान जारी बताया कि गुरुवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुमन एक्का की अदालत (एनआईए की विशेष अदालत) में एनआईए ने भीमा मंडावी हत्या मामले में आरोप पत्र दाखिल किया.

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आरोप पत्र में 33 लोगों को आरोपी बनाया गया है तथा इनमें से छह लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. पिछले वर्ष नौ अप्रैल को दंतेवाड़ा जिले के कुआकोंडा थाना क्षेत्र के अंतर्गत श्यामगिरी की पहाड़ी के करीब माओवादियों ने भाजपा विधायक भीमा मंडावी के वाहन को बारूदी सुरंग में विस्फोट कर उड़ा दिया था. इस हमले में मंडावी और छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल के चार जवानों की मृत्यु हो गई थी. नक्सलियों ने इस हमले में शहीद सुरक्षाकर्मियों के हथियार भी लूट लिए थे.

एनआईए ने बयान में बताया कि घटना के बाद कुआकोंडा थाना में मामला दर्ज कर लिया गया था. इसके बाद पिछले वर्ष 17 मई को एनआईए ने फिर से मामला दर्ज किया. बयान में कहा गया है कि इस मामले में प्रारंभिक रूप में कोई सुराग उपलब्ध नहीं था. कई गवाहों, आत्मसमर्पित नक्सलियों और तकनीकी विश्लेषणों के बाद इस मामले में सुराग हासिल किया गया. जांच के दौरान एनआईए ने दंतेवाड़ा जिले के निवासी छह आरोपियों मड़का राम ताती, भीमा राम ताती, लिंगे ताती, लक्ष्मण जायसवाल, रमेश कुमार कश्यप और हरपाल सिंह चौहान को गिरफ्तार कर लिया.

जानकारी मिली है कि इन्होंने नक्सलियों को ठहाराने की व्यवस्था की तथा उन्हें भोजन, बिजली के तार और स्टील का कंटेनर मुहैया कराया. बयान में बताया गया है कि इस मामले में अभी 22 आरोपी फरार हैं, पांच अन्य आरोपियों की पहले ही मृत्यु हो चुकी है. बयान में कहा गया है कि जांच में पाया गया कि मंडावी की हत्या का फैसला माओवादियों के दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी (डीकेएसजेडसी) की बैठक में लिया गया. यह बैठक दिसंबर वर्ष 2018 में पश्चिम बस्तर में हुई थी. बाद में दरभा डिवीजन कमेटी की एक और बैठक दंतेवाड़ा के गोंडेरास के जंगलों में फरवरी वर्ष 2019 के अंत में आयोजित की गई.

इस बैठक की अध्यक्षता डीकेएसजेडसी के सदस्य और दरभा डिवीजन के प्रभारी गिरी रेड्डी उर्फ श्याम उर्फ चैतू ने की थी. बैठक में फैसला किया गया कि गर्मियों में नक्सलियों द्वारा चलाए जाने वाले आक्रामक अभियान के दौरान मंडावी के साथ अन्य नेताओं तथा पुलिस कर्मियों की हत्या कर दी जाए तथा चुनाव प्रक्रिया को बाधित किया जाए.

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एनआईए के बयान के अनुसार इस योजना को पूरा करने के लिए दरभा डिविजन कमेटी के सचिव बाड़ा देवा उर्फ बरसे सुक्का को इसकी जिम्मेदारी दी गई. बाद में क्षेत्र के नक्सलियों ने पिछले वर्ष नौ अप्रैल, 2019 को बरसे के नेतृत्व में नकुलनार—बचेली मार्ग पर श्यामगिरी की पहाड़ी के करीब बारूदी सुरंग लगा दी. श्यामगिरी के करीब वार्षिक मेले का आयोजन किया गया था और माओवादियों को उम्मीद थी कि भाजपा नेता मंडावी और अन्य नेता इस मेले में हिस्सा लेने पहुंचेंगे.

बयान में कहा गया है कि एनआईए की जांच ने यह भी स्थापित किया गया है कि सीपीआई (माओवादी) के महासचिव तथा सेंट्रल कमेटी के सचिव नांबाला केशव राव उर्फ गगन्ना उर्फ बसवराज तथा अन्य वरिष्ठ माओवादी नेता इस साजिश में सक्रिय रूप से शामिल थे. इस मामले की जांच जारी है.

Source : Bhasha

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