छत्तीसगढ़ः भूपेश कैबिनेट का फैसला, 13 वर्षों से चल रहे राजिम कुंभ का बदलेगा नाम
छत्तीसगढ़ में 13 वर्षों से चल रहे राजिम कुंभ मेला का नाम अब राजिम माघी पुन्नी मेला करने की घोषणा की गई है.
रायपुर:
छत्तीसगढ़ में 13 वर्षों से चल रहे राजिम कुंभ मेला का नाम अब राजिम माघी पुन्नी मेला करने की घोषणा की गई है. राजिम कुंभ का नाम बदलने का प्रस्ताव भी सदन में पेश किया जाएगा. बता दें मंगलवार को कैबिनेट ने राजिम कुंभ का नाम राजिम माघ पुन्नी मेला रखा. प्रदेश के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि माघ पूर्णिमा पर हर साल होने वाले राजिम कुंभ का नामकरण उसके ऐतिहासिक महत्व के अनुरूप राजिम माघी पुन्नी मेला करने का निर्णय लिया गया है. उन्होंने कहा कि राज्योत्सव और इस प्रकार के अन्य सांस्कृतिक आयोजनों में छत्तीसगढ़ के कलाकारों को पहली प्राथमिकता दी जाएगी.
यह भी पढ़ेंः हर कोई नहीं बन सकता नागा साधु, सच्चाई जानकर हैरान रह जाएंगे आप
बता दें कि राजिम मेला को प्रति वर्ष होने वाले कुंभ के नाम से जाना जाता है. यहां माघ पूर्णिमा से महाशिवरात्रि तक 15 दिनों का मेला लगता है. महानदी, पैरी और सोढुर नदी के तट पर लगने वाले इस मेले में मुख्य आकर्षण का केंद्र संगम पर स्थित कुलेश्वर महादेव का मंदिर है.
यह भी पढ़ेंः सुरक्षा के किए गए पुख्ता इंतजाम, NSG से लेकर UP ATS के जवान रहेंगे मुस्तैद
2001 से राजिम मेला को राजीव लोचन महोत्सव के रूप में मनाया जाता था. 2005 से इसे कुंभ के रूप में मनाया जाता है. इसकी शुरुआत कल्पवाश से होती है, पंचकोशी यात्रा में श्रद्धालु पटेश्वर, फिंगेश्वर, ब्रम्हनेश्वर, कोपेश्वर तथा चम्पेश्वर नाथ के पैदल भ्रमण कर दर्शन करते हैं. प्रतिवर्ष यह आयोजन छत्तीसगढ़ शासन संस्कृति विभाग और स्थानीय आयोजन समिति के सहयोग से होता है.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Dharma According To Ramayana: रामायण के अनुसार धर्म क्या है? जानें इसकी खासियत
-
Principles Of Hinduism : क्या हैं हिंदू धर्म के सिद्धांत, 99% हिंदू हैं इससे अनजान
-
Akshaya Tritiya 2024: अक्षय तृतीया के दिन शुभ मुहूर्त में खरीदें सोना-चांदी, भग्योदय होने में नहीं लगेगा समय
-
Types Of Kaal Sarp Dosh: काल सर्प दोष क्या है? यहां जानें इसके प्रभाव और प्रकार के बारे में