logo-image

लापरवाही: मोबाइल निकालने के लिए साहब ने बहा दिया 21 लाख लीटर पानी, जानें फिर क्या हुआ

छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में फूड इंस्पेक्टर ने पानी में गिरा महंगा मोबाइल निकालने के लिए लाखों लीटर पानी ही बहा दिया

Updated on: 26 May 2023, 03:36 PM

नई दिल्ली:

छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में फूड इंस्पेक्टर ने पानी में गिरा महंगा मोबाइल निकालने के लिए लाखों लीटर पानी बर्बाद कर दिया है. जानकारी के मुताबिक, रविवार को छुट्टी के दिन फूड इंस्पेक्टर राजेश विश्वास कांकेर के खेरकट्टा परलकोट डैम में पिकनिक मनाने गए थे. इंस्पेक्टर साहब का महंगा मोबाइल लबालब भरे परलकोट जलाशय में गिर गया. फिर क्या था साहब ने बिना किसी की अनुमति लिए लाखों लीटर पानी को पंपिंग सेट मशीन लगाकर बाहर निकाल दिया गया. पानी निकालने के लिए चार दिनों में 24 घंटे 30 एचपी की दो पंपिंग सेट लगाकर पानी निकालने का काम चलता रहा. मामले की भनक लगने के बाद सिंचाई विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचकर मशीन को बंद कराया, लेकिन जलाशय से तबतक 21 लाख लीटर पानी बर्बाद हो चुका था. 

हालांकि, मामले की गंभीरता को देखते हुए कांकेर कलेक्टर प्रियंका शुक्ला के आदेश पर फूड इंस्पेक्टर राजेश विश्वास को सस्पेंड कर दिया गया है. बताया जा रहा है कि इंस्पेक्टर साहब को मोबाइल तो मिल गया, लेकिन वह खराब हो गया है. 

यह भी पढ़ें: Monsoon Update: अंडमान तक पहुंच गया मॉनसून, जानें आपके राज्य में कब देगा दस्तक

डेढ़ हजार एकड़ की जमीन की हो जाती सिंचाई
बता दें कि रविवार को फूड इंस्पेक्टर का मोबाइल डैम में गिरा था. उसके अगले दिन यानी  सोमवार से गुरुवार तक 30 हॉर्स पॉवर के दो डीजल पंपों से करीब 21 लाख लीटर पानी जलाशय से बाहर निकाला गया. अनुमान के मुताबिक, 21 लाख लीटर पानी से  डेढ़ हजार एकड़ जमीन को सिंचाई हो जाती. 

इंस्पेक्टर ने किसी से नहीं ली थी अनुमति  

बताया जा रहा है कि मोबाइल ढूंढने के लिए गोताखोर, एक्सपर्ट्स और स्थानीय लोगों का भी सहारा लिया गया था, लेकिन उन्हें सफलता हाथ नहीं लगी. तब जाकर इंस्पेक्टर साहब ने डैम का पानी निकालने की प्लानिंग की और बिना किसी की इजाजत लिए 21 लाख लीटर पानी को बर्बाद कर दिया. अगर पानी का इस्तेमाल सही तरीके से किया जाता तो हजारों एकड़ की जमीन की फसलें लहलहा जाती. सिंचाई विभाग की ओर से जांच में पाया गया कि इंस्पेक्टर राजेश विश्वास ने डैम से पानी निकालने के लिए किसी से अनुमति नहीं ली थी. इन्होंने सिंचाई विभाग को सिर्फ जानकारी दी थी कि उनका महंगा मोबाइल पानी में गिर गया.