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छत्तीसगढ़: पांच इनामी नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में पांच इनामी नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है.

Updated on: 31 Aug 2019, 04:00 AM

नई दिल्ली:

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में पांच इनामी नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है. दंतेवाड़ा जिले के पुलिस अधिकारियों ने आज यहां बताया कि नक्सलियों की खोखली विचारधारा और हिंसा से तंग आकर आज पांच माओवादियों कुहरामी मंगल (35 वर्ष), जयराम मंडावी (20 वर्ष), महरूराम बंजाम, नरेश नेताम (20 वर्ष)और शांति इस्ता (20 वर्ष) ने पुलिस और सीआरपीएफ के अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है.

आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में कुहरामी मंगल और महरूराम पर दो दो लाख रूपए का इनाम है तथा जयराम मंडावी, नरेश नेताम, शांति इस्ता पर एक-एक लाख रूपए का इनाम है.

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि नक्सली कहरामी मंगल वर्ष 2009 में नक्सली आंदोलन में शामिल हुआ था. वह वर्ष 2010 से 2016 मिलिटी प्लाटून नंबर 24 का कमाण्डर देवा बारसा के साथ में काम किया. वर्ष 2016 के अन्त में माओवादी के बड़े नेताओं द्वारा नीलावाया जनमिलिशिया कमाण्डर बनाकर गांव में रहकर सगंठन को मजबूत कर जिम्मेदारी सौंपी गई थी.

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वह वर्ष 2013 में श्यामगिरी पहाड़ी में पुलिस दल पर हमला करने की घटना में शामिल था. इस घटना में पांच पुलिस जवान शहीद हुए थे. कहरामी मंगल वर्ष 2018 में विधानसभा चुनाव के दौरान नीलावाया गांव के पटेलपारा के करीब पुलिस दल पर हमला की घटना में शामिल था. इस घटना में तीन पुलिस जवान शहीद हुए थे तथा एक पत्रकार की मृत्यु हुई थी.

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि माओवादी जयराम मंडावी वर्ष 2016 में जनमिलिशिया सदस्य के रूप में माओवादी सगंठन में भर्ती हुआ था. वह वर्ष 2017 में भटवेड़ा पुलिस नक्सली मुठभेड़ में शामिल, जिसमें नौ माओवादी मारे गये थे और तीन पुलिस जवान शहीद हुए थे.

उन्होंने बताया कि नक्सली महरूराम बंजाम पल्लेवाया क्षेत्र का माओवादियों का मेडिकल टीम का प्रभारी था. वहीं माओवादी नरेश नेताम तोयनार क्षेत्र में चेतना नाट्य मंच का अध्यक्ष है. आत्मसमर्पण करने वाली महिला नक्सली शांति इस्ता पेल्लेवाया क्षेत्र की चेतना नाट्य मंच की अध्यक्ष है.

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पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को 10-10 हजार रूपए प्रोत्साहन की राशि दी गई है. साथ ही उन्हें पुनर्वास नीति का भी लाभ दिया जाएगा.