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राजनीतिक उठापटक के बावजूद कांग्रेस ने जीता जनता का भरोसा!

छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार राजनीतिक उठापटक के बावजूद जनता का भरोसा जीतने में कामयाब रही है. सरकार ने आज अपने तीन साल पूरे कर लिए हैं. इन तीन सालों में प्रदेश में ‘भूपेश है तो भरोसा है’ के नारों के साथ जनता में सरकार के प्रति भरोसा बढ़ा है.

Updated on: 17 Dec 2021, 08:28 PM

नई दिल्ली:

छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार राजनीतिक उठापटक के बावजूद जनता का भरोसा जीतने में कामयाब रही है. सरकार ने आज अपने तीन साल पूरे कर लिए हैं. इन तीन सालों में प्रदेश में ‘भूपेश है तो भरोसा है’ के नारों के साथ जनता में सरकार के प्रति भरोसा बढ़ा है. नई सरकार के गठन के साथ ही अपने प्राथमिकता में आदिवासियों, किसानों, महिलाओं, मजदूरों को रख कर योजनाओं का निर्माण किया. इस दौरान कई क्रांतिकारी फैसले लिए गए. जिसमें 11 लाख किसानों का 9 हजार करोड़ रुपये ऋण माफ करना और किसानों से 2500 रुपये प्रति क्विंटल धान खरीदी और बिजली बिल हाफ करने का निर्णय भी शामिल है.

भूपेश सरकार ने छत्तीसगढ़ राज्य को अपनी वास्तविक छत्तीसगढ़िया पहचान दिलाते हुए, विकास और न्याय के काम किए. तीन वर्षों में छत्तीसगढ़ी अस्मिता और स्वाभिमान लौटाने के कदम उठाए गए. वहीं राजीव गांधी किसान न्याय योजना और गोधन न्याय योजना के जरिये ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान की है.

प्रदेश सरकार ने ‘छत्तीसगढ़ मॉडल’  स्थापित कर जनसशक्तिकरण से आर्थिक विकास की इबारत लिखी है. राजीव गांधी किसान न्याय योजना और गोधन न्याय योजना के जरिये हितग्राहियों के खाते में नगद हस्तांतरण से अर्थव्यवस्था को काफी मजबूती मिली. ग्रामीणों के जीवन में अब बदलाव आने लगा है. किसान जैविक खेती की ओर लौटने लगे हैं. जैविक खेती से लागत हुई आधी, उत्पादन भी दो से तीन गुना तक बढ़ने लगा है.

साल 2020-21 में राज्य गठन के बाद सर्वाधिक 92 लाख मीट्रिक टन से अधिक की धान खरीदी का कीर्तिमान बना है।. सर्वाधिक खाद्यान्न उत्पादन के लिए छत्तीसगढ़ को कृषि कर्मण पुरस्कार भी मिल चुका है।

वनोपजों के समर्थन मूल्य में वृद्धि का फैसला भी आदिवासियों के लिए हितकारी रहा है. वनोपज संग्रहण में छत्तीसगढ़ पिछले तीन वर्षों में लगातार पूरे देश में अव्वल है. वनोपज से आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा मिला है. वहीं, राज्य को वनोपज संग्रहण और प्रसंस्करण में 11 राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिले.

छत्तीसगढ़ में नई उद्योग नीति से राज्य में नया औद्योगिक और आर्थिक वातावरण बना है. तीन सालों में राज्य में 1564 नई औद्योगिक इकाइयां स्थापित हुई हैं. औद्योगिक क्षेत्र में 18 हजार 882 करोड़ रूपये की पूंजी निवेश से राज्य की तस्वीर बदली है.

आम लोगों को लगातार बढ़ती महंगाई के दौर में सस्ती दवाओं के माध्यम से राहत देने की योजना भूपेश सरकार ने लागू की है. छत्तीसगढ़ सरकार ने महंगी ब्रांडेड दवाओं की जगह सस्ती जेनेरिक दवाओं के लिए श्री धन्वंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर योजना शुरू की. इस मेडिकल स्टोर में जेनेरिक दवाएं 50-70 फीसदी सस्ते दामों पर मिल रही है.

बिजली बिल में रियायत देने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा शुरू की गयी हाफ बिजली बिल योजना से निम्न और मध्यम वर्ग के लोगों को काफी राहत मिली है. 400 यूनिट तक बिजली की खपत पर 50 प्रतिशत की सब्सिडी का लाभ 40 लाख उपभोक्ताओं को पहुंचा है. छत्तीसगढ़ में नजर आ रही बदलाव के बयार से समझ आता है कि इन योजनाओं के जरिये भूपेश सरकार जनता का भरोसा जीतने में कामयाब रही है.