कोरोनावायरस (Corona Virus) के संक्रमण से बचाव और रोकथाम के उपायों के तहत चल रहे लॉकडाउन के दौरान छत्तीसगढ़ के सभी शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में 62 हजार 172 गरीबों और जरूरतमंद परिवारों को निशुल्क भोजन और राशन सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने सभी जिला कलेक्टरों को इस कार्य को पूरी संवेदनशीलता से करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा है कि इस चुनौतीपूर्ण समय में कोई भी व्यक्ति भूखा न रहे.
मुख्यमंत्री के आह्वान पर अनेक समाजसेवी संस्थाएं गरीबों और जरूरतमंद परिवारों की मदद के लिए सामने आईं और जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर इस कार्य में सहयोग दे रही हैं. राज्य सरकार की ओर से जारी बयान के अनुसार, छत्तीसगढ़ में 62 हजार 172 लोगों को भोजन और राशन सामग्री उपलब्ध कराई गई है. प्रदेश में संबंधित जिलों में जिला प्रशासन द्वारा 14 हजार 467 व्यक्तियों और 4015 परिवारों को निशुल्क राशन सामग्री वितरित की गई है, जबकि 28 हजार 227 लोगों के भोजन की व्यवस्था की गई है.
पूरे प्रदेश में 18 हजार 97 परिवारों के लिए भोजन की व्यवस्था
बयान के अनुसार, समाजसेवी संगठनों द्वारा पूरे प्रदेश में 18 हजार 638 व्यक्तियों और 18 हजार 97 परिवारों के लिए भोजन और निशुल्क राशन सामग्री का प्रबंध किया गया है. राजधानी रायपुर में नौ हजार व्यक्तियों और 22 हजार परिवारों को भोजन और राशन सामग्री उपलब्ध कराई गई है. रायपुर में 9000 लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था की गई है, जबकि 4000 जरूरतमंद परिवारों को निशुल्क राशन सामग्री वितरित की गई है. इसके अलावा स्वयंसेवी संगठनों द्वारा 18 हजार परिवारों के लिए भोजन और राशन की व्यवस्था की गई है.
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कांग्रेस विधायक शैलेश पांडेय के खिलाफ एफआईआर दर्द
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस विधायक शैलश पांडेय के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. दरअसल उन पर आरोप है कि राज्य में धारा 144 लागू होने के बावजूद उन्होंने एक ऐसी घोषणा की कि बिलासपुर में उनके घर के सामने लोगों की भीड़ लग गई. जानकारी के मुताबिक शैलेश पांडेय ने लॉकडाउन के बीच फ्री राशन बांटे जाने की घोषणा की थी. घोषणा सुनते ही लोगों की भीड़ उनके घर के सामने इकट्ठा हो गई. इसे धारा 144 के उल्लंघन के तौर पर देखा गया और शैलेश पांडे के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई.
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विधायक ने एफआईआर पर दी सफाई
वहीं छत्तीसगढ़ के कांग्रेस विधायक ने इस मामले में सफाई भी दी है. उन्होंने कहा, जब मैंने अपने बंगले के बाहर भीड़ देखी तो मैंने पुलिस को फोन करके भीड़ को तितर-बितर करने के लिए कहा. मैं बस जरूरतमंद लोगों की मदद करने की कोशिश कर रहा था, इसमें कुछ भी गलत नहीं है. उस वक्त पुलिस ने भीड़ को रोका क्यों नहीं? बता दें, कोरोना वायरस (Corona Virus) की वजह से देश भर में 24 घंटे में छह मरीजों की जान चली गई, वहीं कुल मिलाकर देश में कोरोना मरीजों की संख्या 1024 हो गई है. इस में 901 लोग कोरोना वायरस से अभी भी संक्रमित हैं. इस बीमारी से अब तक 27 लोगों की जान जा चुकी है. 95 लोगों को इस बीमारी से या तो निजात मिल चुकी है, या ये हॉस्पिटल से डिस्चार्ज हो चुके हैं.