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बजट पूर्व बैठक में CM बघेल ने छत्तीसगढ़ के आर्थिक मुद्दे पर रखे कई प्रस्ताव

छत्तीसगढ़ के सीएम ने की जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान को अगले पाँच वर्षों के लिए जारी रखने की मांग की

Updated on: 30 Dec 2021, 05:09 PM

नई दिल्ली:

केंद्रीय वित्तमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित बजट पूर्व बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आम बजट को लेकर राज्य की उम्मीदें और प्रस्ताव रखे। विज्ञान भवन में आयोजित इस बैठक में मुख्यमंत्री बघेल ने जीएसटी क्षतिपूर्ति की भरपाई, कोल उत्खनन पर केंद्र के पास जमा राशि 4,140 करोड़ छत्तीसगढ़ को शीघ्र देने एवं नक्सल उन्मूलन के लिए तैनात केन्द्रीय सुरक्षा बलों पर किये 15 हजार करोड़ के व्यय की प्रतिपूर्ति की मांग की है। बैठक में केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के साथ ही राज्यों के वित्तमंत्री भी शामिल रहे। मीटिंग में मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि कोविड 19 के कारण आर्थिक गतिविधियों के बाधित होने से राज्यों के अर्थव्यवस्था पर गंभीर प्रभाव पड़ा है। केंद्र से मिलने वाली राशि प्राप्त होने पर राज्य सरकार विकास कार्यक्रमों एवं योजनाओं में व्यय कर सकेगी।

छत्तीसगढ़ के सीएम ने की जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान को अगले पाँच वर्षों के लिए जारी रखने की मांग की. बघेल ने कहा कि जीएसटी कर प्रणाली से राज्यों को राजस्व की हानि हुई है। आगामी वर्ष में राज्य को करीब 5000 करोड़ के राजस्व की हानि की भरपाई की व्यवस्था केंद्र द्वारा नहीं की गयी है। लिहाज़ा जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान को जून 2022 के बाद भी आगामी 5 वर्षों के लिए जारी रखा जाए। इसके साथ ही उन्होने कहा कि विगत 3 वर्षों के केन्द्रीय बजट में छतीसगढ़ को केन्द्रीय करों में हिस्से की राशि 13,089 करोड़ कम प्राप्त हुए हैं।


बघेल ने कहा नक्सल उन्मूलन में तैनात केन्द्रीय सुरक्षा बलों पर किये 15 हजार करोड़ के व्यय की प्रतिपूर्ति हो. आगामी बजट में केन्द्रीय करों के हिस्से की राशि पूरी राज्य को दी जाए। बघेल ने कोल ब्लॉक कंपनियों से कोल उत्खनन पर 294 रुपये प्रति टन के मान से केंद्र के पास जमा राशि 4,140 करोड़ छत्तीसगढ़ को शीघ्र देने की मांग की। इसके साथ ही उन्होने कहा कि नक्सल उन्मूलन के लिए राज्य में तैनात केन्द्रीय सुरक्षा बलों पर राज्य शासन का व्यय 15 हजार करोड़ हो चुका है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र द्वारा पेट्रोल और डीजल पर केन्द्रीय उत्पाद कर कटौती से राज्य के हिस्से की राशि में कमी और वैट से मिलने वाले राजस्व में भी कमी होगी इसलिए भविष्य में उत्पाद कर के स्थान पर उपकरों में कमी की जाए।

बघेल ने प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में बेहतर क्रियान्वयन करने वाले राज्यों के लिए प्रति परिवार 1100 रुपये प्रीमियम की सीमा बढ़ाने की मांग की।उन्होने कहा इससे हितग्राहियों की संख्या बढ़ेगी और अधिकांश जनसंख्या को इसका लाभ मिलेगा। इसके साथ ही उन्होने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के अंतर्गत पात्र परिवार प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत भी पात्र होने चाहिए। बैठक में बघेल ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना एवं जल जीवन मिशन में भी राज्यों की सहभागिता को कम कर केंद्र का अंश 75 प्रतिशत किया जाए। बघेल ने इसके अलावा केंद्रीय बजट में रायपुर में इन्टरनेशनल कार्गो टर्मिनल, केन्द्रीय आदिवासी विश्वविद्यालय का एक कैंपस एवं वोकल फॉर लोकल योजनांतर्गत विपणन केन्द्र आदि के स्थापना की भी मांग रखी।

इसके साथ ही बैठक में बघेल ने विभिन्न योजनाओं के माध्यम से किसानों एवं मजदूरों को उदारता पूर्वक राशि दिये जाने, मनरेगा की मजदूरी दर श्रम आयुक्त की दरों के बराबर करने, दलहन/तिलहन उत्पादन के लिए विशेष प्रोत्साहन देने संबंधी सुझाव दिए।