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मनरेगा योजना के तहत रोजगार मुहैया कराने के मामले में छत्तीसगढ़ ने मारी बाजी

केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा जारी आकंड़ों के अनुसार देशभर में योजना के तहत लगभग 77.85 लाख कामगार विभिन्न कामों में लगे हैं. छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा जारी बयान के अनुसार, राज्य में काम कर रहे कामगारों की राष्ट्रीय स्तर पर भागीदारी 24 प्रतिशत

Updated on: 30 Apr 2020, 03:30 AM

दिल्ली:

छत्तीसगढ़ ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत 18 लाख से अधिक अकुशल कामगारों को रोजगार मुहैया कराकर राज्यों की सूची में पहला स्थान हासिल किया है. बुधवार को एक आधिकारिक बयान में यह बात कही गई है. केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा जारी आकंड़ों के अनुसार देशभर में योजना के तहत लगभग 77.85 लाख कामगार विभिन्न कामों में लगे हैं. छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा जारी बयान के अनुसार, राज्य में काम कर रहे कामगारों की राष्ट्रीय स्तर पर भागीदारी 24 प्रतिशत है जोकि देश में सबसे अधिक है.

बयान में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत 18.51 लाख कामगारों को रोजगार मुहैया कराकर पहला स्थान हासिल किया है. बयान में कहा गया है कि राष्ट्रीय स्तर पर, श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराने के मामले में कई बड़े राज्यों का प्रदर्शन छत्तीसगढ़ से 50 प्रतिशत तक कम है. राजस्थान इस योजना के तहत 10.79 लाख कामगारों को रोजगार मुहैया कराकर दूसरे जबकि उत्तर प्रदेश 9.06 लाख लोगों को रोजगार देकर तीसरे स्थान पर रहा.

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वहीं पश्चिम बंगाल (7.29 लाख) चौथे, मध्य प्रदेश (7.24 लाख) पांचवे, बिहार (6.71 लाख) छठे, ओडिशा (4.93 लाख) सातवें और कर्नाटक (3.65 लाख) कामगारों को रोजगार देकर आठवें स्थान पर रहा. छत्तीसगढ़ के पंयायत राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री टी एस सिंहदेव ने जिला पंचायतों, जनपद पंचायतों और विशेषकर राज्य की ग्राम पंचायतों के सरपंचों समेत राज्य इकाई को बधाई दी. उन्होंने कहा कि यह पहचान और प्रशंसा तब और खास बन जाती है जब राज्य सामाजिक मेलजोल से दूरी के नियमों का पालन करते हुए योजना के तहत मजदूरों को राहत पहुंचा रहा हो.

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छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव, जांजगीर-चांपा और महासमुंद जिले राज्य स्तर पर योजना के तहत अधिकतम श्रमिकों को रोजगार देने के मामले में सबसे ऊपर रहे. बयान में कहा गया है, राजनांदगांव जिले में एक लाख 74 हजार 859 , जांजगीर चांपा जिले में एक लाख 39 हजार 995, महासमुंद जिले में एक लाख 28 हजार 896, कबीरधाम (कवर्धा) में एक लाख 25 हजार 330, मुंगेली में एक लाख 18 हजार 290, बिलासपुर जिले में लाख 14 हजार 137, बालोद जिले में एक लाख 10 हजार 82 कामगारों को योजना के तहत काम मिल रहा है.