जब SP ने खून देकर बचाई महिला की जान, पेश की मिसाल

जिला अस्पताल में भर्ती बुधरी के लिए पिछले तीन दिन से ब्लड की व्यवस्था नहीं हो पा रही थी. महिला के साथ कोई अटेंडेंट भी नहीं था, केवल तीन माह की मासूम बच्ची मौजूद थी.

जिला अस्पताल में भर्ती बुधरी के लिए पिछले तीन दिन से ब्लड की व्यवस्था नहीं हो पा रही थी. महिला के साथ कोई अटेंडेंट भी नहीं था, केवल तीन माह की मासूम बच्ची मौजूद थी.

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yogesh bhadauriya
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जब SP ने खून देकर बचाई महिला की जान, पेश की मिसाल

पुलिस अधीक्षक शलभ सिन्हा

छत्तीसगढ़ के सुकमा में पुलिस का एक मानवीय चहरा सामने आया है. यहां बस्तर संभाग के सुकमा जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र तेकेलगुड़ा निवासी एक महिला, बुधरी (26) गंभीर रूप से बीमार है और उसे सीवियर एनीमिया है. जिला अस्पताल में भर्ती बुधरी के लिए पिछले तीन दिन से ब्लड की व्यवस्था नहीं हो पा रही थी. महिला के साथ कोई अटेंडेंट भी नहीं था, केवल तीन माह की मासूम बच्ची मौजूद थी. जानकारी में पता चला कि उसका पति भी कुछ दिन से बीमार हैं.

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इसके बाद पुलिस अधिकारियों को सोशल मीडिया पर मैसेज के जरिए महिला की स्थिति की जानकारी मिली. जिसके बाद पुलिस अधीक्षक शलभ सिन्हा ने अस्पताल पहुंचकर बीमार महिला को अपना खून देकर उसके जीवन की रक्षा की.

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बताया गया कि महिला को दो यूनिट ब्लड की तत्काल आवश्यकता थी. एसपी शलभ सिन्हा के साथ ही एक अन्य जवान ने भी जिला अस्पताल पहुंचकर महिला को अपना खून दिया. अब महिला की हालत खबरे से बाहर बताई जा रही है.

दरअसल नक्सल प्रभावित क्षेत्र तेकेलवाड़ा गांव की रहने वाली ग्रामीण महिला बुधरी गंभीर स्थिति में तीन दिन पहले जिला अस्पताल में भर्ती कराई गई थी. जांच करने में पता चला कि उसे सीवियर एनीमिया है. जिसके लिए तुरंत ब्लड की आवश्यकता थी, लेकिन महिला के साथ केवल उसकी 3 माह की छोटी बच्ची थी. पता चला कि उसका पति भी बीमार हैं. सोशल मीडिया के माध्यम से जैसे ही यह बात सुकमा एसपी शलभ सिन्हा को पता चली वो ब्लड डोनेट करने जिला अस्पताल पहुंच गए.

Source : Pawan Shaha

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