कुपोषण (Malnutrition) को खत्म करने का सरकार चाहे जितना भी दावा कर लें. लेकिन वह हमेशा नाकाम ही होती हैं. अधिकारियों की रिपोर्ट देख कर सरकार खुश हो सकती है. लेकिन इन दावों की पोल खोलने के लिए बीच-बीच में ऐसी घटनाएं होती रहती हैं जो सरकार को कटघरे में लाकर खड़ा कर देती हैं. ताजा मामला छत्तीसगढ़ के कोरिया का है जहां कुपोषण के चलते एक बच्चे की जान चली गई. कुपोषण के कारण मनेंद्रगढ़ विकासखंड के तेंदूदाड़ में 4 साल का ओमकार दिवान जिंदगी से अपनी जंग हार गया. बताया जा रहा है कि समय पर मासूम को इलाज नहीं मिल पाया. इस कारण उसकी जान चली गई.
क्या है कुपोषण (What Is Malnutrition)
शरीर को लंबे समय तक आवश्यक संतुलित आहार न मिलना ही कुपोषण (Malnutrition) है. कुपोषण (Malnutrition) के कारण बच्चों और महिलाओं की रोगों से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है. जिसके चलते वे कई तरह की बीमारियों से घिर जाते हैं. कुपोषण (Malnutrition) से बचने का केवल एक ही तरीका है वो हैं संतुलित आहार.
कुपोषण के लक्षण (Symptoms of Malnutrition)
कुपोषण बेहद गंभीर हो सकता है. इस लिए कुपोषण से बचने के लिए हमें उपाय करने चाहिए. कुपोषण अचानक से नहीं आता. वह अपने लक्षणों से धीरे-धीरे आता है. आइए जानते हैं कुपोषण के लक्षण. अगर यह लक्षण दिखे तो बिना लापरवाही के डॉक्टर के पास जाना चाहिए.
- शरीर की वृद्धि रुकना.
- मांसपेशियों का सिकुड़ जाना.
- झुर्रियों वाली पीली त्वचा का होना.
- कोई भी काम करने पर जल्दी थकान आना.
- किसी भी काम को उत्साह के साथ नरना और बात-बात पर चिढ़चिढ़ा होना.
- रूखे और चमक रहित बालों का होना.
- आंखों का धंसना और आंखों के नीचे काले धब्बे आना.
- शरीर का वजन कम होना और कमजोरी.
- नींद और पाचन क्रिया का गड़बड़ाना.
- हाथ पैर पतले और पेट का बढ़ना. या बच्चों में अक्सर देखा जाता है शरीर में सूजन आना
Source : News Nation Bureau