छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सरकार में आते ही राज्य में साल 2013 में हुए झीरम घाटी नक्सली हमले की जांच के लिए विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन कर दिया है. सोमवार को राज्य के तीसरे मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के तुरंत बाद बघेल ने किसान कर्जमाफी, एमएसपी में बदलाव और झीरम कांड पर एसआईटी गठन जैसे तीन फैसले लिए.
भूपेश बघेल ने कहा, 'हमारा तीसरा फैसला झीरम घाटी से संबंधित है. नंदकुमार पटेल जैसे कई दिग्गज नेता समेत 29 लोग मारे गए थे. साजिशकर्ता अब तक एक्सपोज नहीं हुए है. इतिहास में इस तरह से राजनेताओं का नरसंहार कभी नहीं हुआ था. दोषियों को पकड़ने के लिए एसआईटी का गठन कर दिया गया है.'
इससे पहले रविवार को मुख्यमंत्री चुने जाने के बाद बघेल ने इस घटना को एक 'आपराधिक राजनीतिक साजिश' बताया था और कहा था कि इस घटना की जांच के लिए उनका मंत्रिमंडल एसआईटी का गठन करेगी.
मई 2013 में नक्सलियों ने कांग्रेस नेताओं से भरी एक गाड़ी पर घात लगाकर हमला किया था जिसमें प्रदेश के पूर्व मंत्री और पूर्व सांसद महेंद्र कर्मा, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंदकुमार पटेल सहित कुल 27 लोगों की मौत हो गई थी.
और पढ़ें : छत्तीसगढ़: सेक्स सीडी कांड में जेल जा चुके हैं भूपेश बघेल, जानें क्या था सीडी कांड
रविवार को मीडिया को संबोधित करते हुए भूपेश बघेल ने कहा था, 'हम शुरू से कहते आए हैं कि वह घटना एक आपराधिक राजनीतिक साजिश थी. राज्य में नक्सलवाद का मुद्दा एक बहुत ही गंभीर समस्या है. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार इससे निपटने के लिए लोगों के सहयोग से नक्सल प्रभावित इलाकों में उचित कार्रवाई करेंगे.'
झीरम कांड पर एसआईटी गठन के अलावा नए मंत्रिमंडल ने राज्य के 16 लाख 65 हजार से अधिक किसानों का 6100 करोड़ रूपये का कर्जा माफ करने का फैसला लिया. वहीं धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 1700 रुपये से बढ़ाकर 2500 रुपये प्रति क्विंटल करने का फैसला किया गया.
देश की अन्य ताज़ा खबरों को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें... https://www.newsstate.com/india-news
Source : News Nation Bureau