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छत्तीसगढ़: बीजापुर जिले में नक्सलियों ने की चार ग्रामीणों की हत्या

2015 के विधानसभा चुनाव में इन 5 सीटों में 3 जेडीयू, 1 आरजेडी और एक सीट जीतने में बीजेपी कामयाब रही. इस सीट पर 1990 से ही जनता दल (JDU) के नेता बिजेन्द्र प्रसाद यादव का दबदबा रहा हैं.

Updated on: 05 Sep 2020, 05:10 PM

रायपुर:

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में नक्सलियों ने विकास कार्यों में सहयोग करने के कारण चार ग्रामीणों की हत्या कर दी. बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने शनिवार को बताया कि जिले के गंगालूर थाना क्षेत्र के अंतर्गत डुमरी पालनार गांव के जंगल में नक्सलियों ने पुसनार गांव के पुनेम सन्नु, गोरे सन्नु उर्फ ध्रुव और आयतु तथा मेटापाल गांव निवासी भुस्कु की हत्या कर दी.

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सुंदरराज ने बताया कि पुलिस को जानकारी मिली है कि नक्सलियों ने कुछ ग्रामीणों को बुलाया और कहा कि वे क्षेत्र में सड़क निर्माण और अन्य विकास कार्यों में शासन का सहयोग कर रहे हैं. इसके बाद नक्सलियों ने चार ग्रामीणों की हत्या कर दी.

उन्होंने बताया कि इस दौरान नक्सलियों ने कुछ ग्रामीणों की पिटाई भी की. पुलिस अधिकारी ने बताया कि अभी तक यह जानकारी नहीं मिली है कि नक्सलियों ने चारों की एक साथ हत्या की है या दो दिन के भीतर ये हत्याएं की गई हैं.

उन्होंने बताया कि घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस दल को रवाना किया गया है. घटना के बारे में जानकारी ली जा रही है. छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में पिछले कुछ महीनों में नक्सलियों द्वारा ग्रामीणों पर अत्याचार किए जाने की घटनाएं बढ़ी हैं.

नक्सलियों ने गत शुक्रवार को पुलिस मुखबिर होने का आरोप लगाकर दो युवकों की हत्या कर दी थी और कुछ महिलाओं की पिटाई भी की थी. युवक रिश्ता तय करने के लिए दंतेवाड़ा जिले से बीजापुर जिले गए थे. पिछले महीने दंतेवाड़ा जिले के चिकपाल गांव में नक्सलियों ने महिलाओं समेत 10 ग्रामीणों की जमकर पिटाई कर दी थी.

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वहीं, 25 जुलाई को दंतेवाड़ा जिले के ही परचेली गांव में 25 ग्रामीणों को नक्सलियों ने घायल कर दिया था. पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज ने कहा कि नक्सल गतिविधियों में भविष्य नहीं होने की बात को समझते हुए बड़ी संख्या में नक्सलियों द्वारा आत्मसमर्पण किया गया है. जमीन खिसकते देख माओवादियों द्वारा निर्दोष ग्रामीणों की हत्या और मारपीट कर आतंक का माहौल बनाया जा रहा है. लेकिन उनके गलत विचार और कायराना हरकत ही बस्तर क्षेत्र से नक्सल संगठन के खात्मा का कारण बनेगा.

उन्होंने कहा कि बस्तर क्षेत्र में कोरोना संक्रमण, लॉकडाउन और बाढ़ संबंधी परिस्थितियों में भी सड़क, पुल-पुलिया तथा अन्य मुलभूत सुविधाएं ग्रामीणों को मुहैया कराई गई हैं. इससे प्रशासन और सुरक्षाबलों के प्रति ग्रामीणों का विश्वास बढ़ा है.