PM Modi के ड्रीम प्रोजेक्ट में सांसदों की रुचि नहीं, पढ़ें पूरी डिटेल
वर्ष 2014 में केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद सांसद आदर्श ग्राम योजना की शुरुआत हुई थी.
highlights
- Chhattisgarh में सांसदो ने की पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट की अनदेखी.
- ड्रीम प्रोजेक्ट 'सांसद आदर्श ग्राम योजना' में सांसदों की रुचि नहीं दिखाई दे रही है.
- प्रदेश के किसी भी सांसद ने अब तक गांव गोद नहीं लिया है.
नई दिल्ली:
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के ड्रीम प्रोजेक्ट 'सांसद आदर्श ग्राम योजना' में सांसदों की रुचि नहीं दिखाई दे रही है. प्रदेश के किसी भी सांसद ने अब तक गांव गोद नहीं लिया है. पंचायत विभाग के अधिकारियों की जानकारी की मानें तो अभी तक किसी भी सांसद ने किसी गांव को गोद लेने की अर्जी नहीं दाखिल की है. बताया जा रहा है कि अभी तक सांसद गांव की खोज कर रहे हैं और उसके बाद प्रस्ताव भेजेंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गांव में विकास के साथ आदर्श माहौल बनाने के लिए सभी सांसदों को एक गांव गोद लेने का निर्देश जारी किया गया था। लेकिन उनके दूसरे कार्यकाल में सांसदों ने इस योजना पर कोई कार्य नहीं किया. छत्तीसगढ़ के नौ बीजेपी के सांसदों ने अब तक गांव गोद नहीं लिया है। सांसदों को गांव गोद लेकर उनके विकास का प्लान तैयार करना होता है.
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बता दें कि पिछली सरकार में सांसदों ने आदर्श ग्राम योजना के तहत गांवों को गोद तो लिया लेकिन उनके जनजीवन का स्तर नहीं सुधार सके. अलग से बजट नहीं होने के कारण अधिकांश आदर्श गांव की तस्वीर में बड़ा बदलाव नहीं हो पाया। ग्रामीण विकास मंत्रालय ने अपनी नई परफॉरमेंस और एक्शन प्लान रिपोर्ट अपनी वेबसाइट पर जारी की है।
रिपोर्ट में जानकारी दी गई है कि इस प्रोजेक्ट के अंदर आने वाले 35% प्रोजेक्ट अभी तक शुरू नहीं हुए हैं। मंत्रालय ने जानकारी दी कि सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत 13 प्रतिशत प्रोजेक्ट अभी भी अधूरे हैं। इससे साफ है कि सांसदों ने चाहे किसी भी पार्टी के हों, आधा काम भी नहीं किया।
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पिछले कार्यकाल में सांसदों ने 16 आदर्श ग्रामों को केवल खुले में शौचमुक्त कराने में सफलता दिलाई। शराबबंदी और स्कूलों के ड्रापआउट को कम करने में खास सफलता नहीं मिली है। बताया जा रहा है कि गांव में गंदे पानी को निकालने के लिए नालियों का निर्माण करना था, लेकिन अब तक एक-दो गांव को छोड़कर नाली निर्माण का काम आदर्श ग्रामों में शुरू नहीं हो पाया है।
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क्या है सांसद आदर्श ग्राम योजना?
वर्ष 2014 में केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद सांसद आदर्श ग्राम योजना की शुरुआत हुई थी। इस स्कीम में सभी सांसदों को गांव गोद लेने थे और उन्हें आदर्श ग्राम योजना के तहत डेवलप किया जाना था। तरीका ये था कि सभी सांसद 2014 से 2019 के बीच तीन गांवों को गोद लें और अगले पांच साल यानी 2024 तक पांच गांव गोद लेने थे।
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