छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने दंतेवाड़ा के विधायक भीमा मंडावी की नक्सली हमले में हुई मौत के संबंध में राज्य सरकार की पुलिस जांच पर फ़िलहाल रोक लगा दी है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पुलिस द्वारा घटना से सम्बंधित जानकारी और आवश्यक रिकार्ड उपलब्ध नहीं कराए जाने पर उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी.
न्यायालय ने राज्य सरकार को जवाब पेश करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है. एनआईए के अधिवक्ता किशोर भादुड़ी ने आज यहां कहा कि छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में श्यामगिरी गांव के पास इस वर्ष नौ अप्रैल को भाजपा विधायक भीमा मंडावी की नक्सलियों ने बारूदी सुरंग में विस्फोट कर हत्या कर दी थी. भादुड़ी ने कहा कि केंद्र सरकार ने इस मामले की जांच का जिम्मा एनआईए को सौंपा था.
वहीं, छत्तीसगढ़ पुलिस भी इस मामले की जांच कर रही है. साथ ही राज्य सरकार इस मामले की न्यायिक जांच भी करा रही है.
उन्होंने बताया कि जांच का जिम्मा मिलने के बाद एनआईए ने बस्तर पहुँचकर जांच आरम्भ की, लेकिन पुलिस ने उसे सहयोग नहीं दिया और न ही उसे मामले से सम्बंधित फाइल और अन्य आवश्यक रिकार्ड उपलब्ध कराया.
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अधिवक्ता ने बताया कि एनआईए ने एनआईए अदालत में इस संबंध में आवेदन दिया लेकिन उसे राहत नहीं मिली. एनआईए ने इसी आधार पर उच्च न्यायालय में राज्य पुलिस की जांच को रोकने के लिए याचिका दायर की.
भादुड़ी ने बताया कि न्यायमूर्ति प्रशांत मिश्रा की एकल पीठ में मंगलवार को मामले की सुनवाई हुई. न्यायालय ने राज्य सरकार की पुलिस द्वारा की जा रही जांच पर फ़िलहाल रोक लगा दी है. न्यायालय ने इस मामले में राज्य सरकार को जवाब प्रस्तुत करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है.
HIGHLIGHTS
- दंतेवाड़ा के विधायक भीमा मंडावी की हत्या मामले में जांच पर रोक
- राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने न्यायालय में दायर की थी याचिका
- पुलिस द्वारा घटना से संबंधित जानकारी नहीं देने पर दायर की थी याचिका