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अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन ठग गिरोह के पांच सदस्य गिरफ्तार, पाकिस्तान से जुड़े तार

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले की पुलिस ने एक अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन ठग गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया है. बिलासपुर जिले के पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि पुलिस ने एक अभियान चलाकर अंतरराष्ट्रीय ठग गिरोह का पर्दाफाश किया है.

Updated on: 20 Oct 2020, 10:15 AM

बिलासपुर:

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले की पुलिस ने एक अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन ठग गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया है. बिलासपुर जिले के पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि पुलिस ने एक अभियान चलाकर अंतरराष्ट्रीय ठग गिरोह का पर्दाफाश किया है. पाकिस्तानी सरगना बड़े मामू (असगर) छोटे मामू (असरफ) और सलीम मिलकर डिजिटल करेंसी की हेराफेरी कर ठगी के कारोबार को अंजाम दे रहे थे. ठगी के इस मामले के तार पाकिस्तान के अलावा सऊदी अरब और मलेशिया से भी जुड़े हुए हैं. अग्रवाल ने बताया कि भारत के अनेक राज्यों में मौजूद हैंडलर ऑनलाइन ठगी से एकत्र पैसे उन्हें भेजते थे.

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बिलासपुर पुलिस ने मुंबई, उड़ीसा और मध्यप्रदेश में अभियान चलाकर पांच ठगों को गिरफ्तार किया है. ठगों के पास से लैपटॉप, मोबाइल और 15 लाख रूपए नगद, अनेक एटीएम कार्ड तथा बैंक की पास बुक बरामद किए गए हैं. इसके अतिरिक्त विभिन्न बैंको में ठगों के खाते में 27 लाख रूपए सीज किए गए हैं.

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि जिले के सीपत थाना क्षेत्र के अंतर्गत हरदाडीह निवासी जनक राम पटेल (5र्ष) की इस वर्ष जनवरी माह के अंतिम सप्ताह और फरवरी माह के प्रथम सप्ताह के मध्य पाकिस्तानी मोबाइल नंबर, व्हाट्सएप कॉल और चैटिंग के माध्यम से ठगों से बातचीत हुई थी. पटेल को झांसा दिया गया कि वह जियो से मुकेश अम्बानी बोल रहे हैं और जियो के लकी ड्रा के नाम पर उनकी 25 लाख रूपये की लाटरी निकली है. अगर वह केबीसी का भाग्यशाली विजेता भी बनकर दो करोड़ रूपए की अतिरिक्त राशि जीतना चाहता है तो कुछ रकम उसे विभिन्न खातों में जमा करनी होगी.

पुलिस अधिकारी ने बताया कि पटेल उनके झांसे में आ गया और उसने इस वर्ष एक फरवरी से आठ सितम्बर तक कुल 65 लाख रूपए ठगों के अलग-अलग खातों में जमा कर दिए. इसी दौरान बिलासपुर पुलिस ने साइबर अपराधों को रोकने के लिए जन जागरूकता अभियान 'साइबर मितान' आरम्भ किया तब जनकराम को अपने साथ हुई ठगी का अहसास हुआ और उसने बिलासपुर के सिटी कोतवाली थाना में अपराध दर्ज कराया.

अग्रवाल ने बताया कि पटेल की शिकायत पर पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू की तब जानकारी मिली कि जनक राम से उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल आदि राज्यों के लगभग 12 विभिन्न खातों में पैसे जमा कराए गए हैं. यह तथ्य भी सामने आया कि इस दौरान सबसे बड़ी रकम करीब 50 लाख रूपए मध्यप्रदेश के रीवा जिले के विराट सिंह के विभिन्न बैंकों के खातों में जमा किया गया. विराट सिंह यह रकम फोन पे और पेटीएम के माध्यम से वर्ली मुंबई निवासी राजेश जायसवाल के खातों और डिजिटल पेमेंट सोल्यूशन उड़ीसा आदि में ऑनलाइन स्थानांतरित करता था.

पुलिस अधिकारी ने बताया कि बाद में पुलिस दल ने रीवा से विराट सिंह को पकड़ लिया. विराट सिंह ने जानकारी दी कि वह पाकिस्तान के छोटे मामू उर्फ़ असरफ और बड़े मामू उर्फ़ असगर तथा सलीम के लिए काम करता है. विराट सिंह ने यह भी बताया कि वह अपना कमीशन काट कर बाकी की रकम भेज देता है. विराट इस रकम को देश भर के अलग-अलग प्रान्तों, हैदराबाद, कर्नाटक, बेंगलोर, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, उड़ीसा, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, असम और दिल्ली के खातों में ट्रांसफर करता था.

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उन्होंने बताया कि आरोपी विराट सिंह की निशानदेही पर खाता धारक शिवम् ठाकुर और संजू चौहान को मध्यप्रदेश के देवास से गिरफ्तार किया गया. वहीं पुलिस ने मुंबई जाकर राजेश जायसवाल को भी गिरफ्तार कर लिया जो रकम को डिजिटल करेंसी बिट क्वाइन में तब्दील कर भेजता था.

इसी तरह पुलिस टीम ने उड़ीसा में डिजिटल पेमेंट सोल्यूशन के संचालक सीता राम गौड़ा को भी हिरासत में लिया है जिसने अपने खाते में लगभग 15 लाख रूपये की रकम को जमा किया था. पुलिस ने इस रकम को सीज कर दिया है.

प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि इसके अतिरिक्त 24 परगना पश्चिम बंगाल, गोपालगंज, बिहार, पश्चिम बंगाल के बाखर हाट और कृष नगर, पश्चिम गाजियाबाद, हुगली, सूरत, उत्तराखंड आदि स्थानों के कई आरोपियों की पहचान की जा चुकी है, जिन्हें जल्द गिरफ्तार कर इस बड़े अंतर्राष्ट्रीय ठग गिरोह का नेटवर्क ध्वस्त किया जाएगा.