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CM बघेल ने PM मोदी को लिखा पत्र, कोविड वैक्सीन की 1 करोड़ डोज की मांग की

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर छत्तीसगढ़ राज्य को जुलाई माह में कोरोना टीके की कम से कम एक करोड़ डोज उपलब्ध कराए जाने का आग्रह किया है.

Updated on: 29 Jun 2021, 01:57 PM

रायपुर:

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर छत्तीसगढ़ राज्य को जुलाई माह में कोरोना टीके की कम से कम एक करोड़ डोज उपलब्ध कराए जाने का आग्रह किया है. उन्होंने प्रधानमंत्री को यह भी अवगत कराया है कि छत्तीसगढ़ राज्य में वर्तमान में कोरोना वैक्सीन की मात्र 9,98,810 डोज शेष बची हैं जो केवल 3 दिन के लिए ही पर्याप्त हैं. राज्य द्वारा बार-बार माँग किए जाने पर भी छत्तीसगढ़ को पर्याप्त संख्या में टीके उपलब्ध नहीं कराए जा रहे हैं. सीएम बघेल ने प्रधानमंत्री से छत्तीसगढ को कोरोना टीके उपलब्ध कराए जाने के संबंध में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को तत्काल निर्देशित करने का भी अनुरोध किया है. 

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उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र में भी अवगत कराया है कि छत्तीसगढ़ राज्य में कोविड-19 के विरूद्ध टीकाकरण का कार्य तीव्र गति से चल रहा है. राज्य अब तक फंटलाइन वर्कर को 100 प्रतिशत प्रथम डोज तथा हेल्थ केयर वर्कर को 91 प्रतिशत प्रथम डोज लग चुकी है. इनमें से 71 प्रतिशत फंटलाइन वर्कर को और 70 प्रतिशत हेल्थ केयर वर्कर को द्वितीय डोज भी लगायी जा चुकी है.  

राज्य में इसी प्रकार 45 वर्ष से अधिक के आयु वर्ग में भी अब तक 80 प्रतिशत नागरिकों को वैक्सीन की प्रथम डोज लगायी जा चुकी है. यद्यपि 18-44 वर्ष के आयु वर्ग का टीकाकरण 1 मई से ही प्रारम्भ हुआ है फिर भी दो माह से भी कम समय में राज्य में 18-44 वर्ष आयु वर्ग के 16 प्रतिशत नागरिकों को भी कोरोना वैक्सीन की प्रथम डोज लगायी जा चुकी है. वर्तमान में छत्तीसगढ़ में प्रतिदिन 3 लाख से अधिक लोगों को टीके लगाए जा रहे हैं.

भूपेश बघेल ने पत्र में यह भी लिखा है कि छत्तीसगढ़ राज्य में वर्तमान में कोरोना वैक्सीन की मात्र 9,98,810 डोज शेष बची हैं जो केवल 3 दिन के लिए ही पर्याप्त हैं. हमने छत्तीसगढ राज्य के लिए यह लक्ष्य निर्धारित किया है कि यदि हमें भारत सरकार से पर्याप्त संख्या में कोरोना टीके के डोज प्राप्त हो जाएं तो हम एक माह में ही सभी पात्र हितग्राहियों को टीके की प्रथम डोज लगा देंगे. इसके लिए छत्तीसगढ़ राज्य में व्यापक रूप से जन अभियान भी चलाया जा रहा है.