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छत्तीसगढ़: CM भूपेश बघेल बोले- रमन सिंह ने युवाओं के लिए क्या किया, वे सिर्फ...

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chhattisgarh CM Bhupesh Baghel) ने पूर्व सीएम रमन सिंह (Raman Singh) पर हमला बोला है. बघेल ने पत्रकारों से कहा कि रमन सिंह 15 साल राज्य के मुख्यमंत्री रहे.

Updated on: 12 Jan 2021, 06:01 PM

नई दिल्ली:

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chhattisgarh CM Bhupesh Baghel) ने पूर्व सीएम रमन सिंह (Raman Singh) पर हमला बोला है. बघेल ने पत्रकारों से कहा कि रमन सिंह 15 साल राज्य के मुख्यमंत्री रहे, उन्होंने युवाओं के लिए क्या किया? 1998 के बाद पहली बार शिक्षकों की भर्ती हुई है. उन्होंने उद्योग पर बैन लगा दिया था, हम राज्य में रोज़गार के लिए उद्योग लगा रहे हैं. रमन सिंह केवल भावनात्मक बात करते हैं.

सीएम ने केंद्रीय पूल में चावल जमा करने को लेकर प्रधानमंत्री से की बात

गौरलतब है कि इससे पहले छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध किया कि राज्य में किसानों से खरीदे गए धान की कस्टम मिलिंग के बाद केंद्रीय पूल में चावल जमा करने की अनुमति प्रदान करें. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. अधिकारी ने बताया कि बघेल ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री के साथ फोन पर बातचीत की. प्रधानमंत्री ने उन्हें जल्द से जल्द उचित कदम उठाने का आश्वासन दिया.

राज्य के जनसंपर्क विभाग के अधिकारी ने कहा कि बघेल ने इस संबंध में प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था और उनसे मिलने के लिए समय मांगा, ताकि आवश्यकता पड़ने पर तथ्यों को उनके सामने रखा जा सके. बघेल ने पत्र में कहा कि खरीफ विपणन सत्र में किसानों से खरीदे गए धान की कस्टम मिलिंग के बाद केंद्रीय पूल में 60 लाख टन चावल जमा करने के लिए केंद्र ने राज्य को 'सैद्धांतिक मंजूरी' दे दी है.

उन्होंने कहा था कि राज्य सरकार ने एक दिसंबर से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर धान खरीद अभियान शुरू किया, और अब तक 12 लाख किसानों से 47 लाख टन धान की खरीद की जा चुकी है, लेकिन भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के माध्यम से केंद्रीय पूल में चावल जमा करने के लिए केंद्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग से आवश्यक अनुमति मिलने का अभी भी इंतजार है.

उन्होंने कहा था कि इसको लेकर कई बार लिखित और मौखिक संचार के माध्यम से केंद्रीय खाद्य मंत्री से अनुरोध किया गया, लेकिन मंजूरी अभी तक नहीं मिली है. उन्होंने कहा कि इसकी अनुमति मिलने में देरी ने धान खरीद अभियान और कस्टम मिलिंग प्रक्रिया को बुरी तरह प्रभावित किया है.