छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले में संयंत्र में ढहे लोहे के साइलो के मलबे से शनिवार को 42 घंटे के ऑपरेशन के बाद तीन श्रमिकों के शव बरामद किए गए. इससे मरने वालों की संख्या चार पहुंच गई है. गुरुवार को मुंगेली जिले के सरगांव थाना क्षेत्र के रामबोड़ गांव के पास स्थित कुसुम स्मेल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड में 350 टन से अधिक वजनी फ्लाई ऐश भंडारण संरचना के दुर्घटनाग्रस्त होने से एक मजदूर की मौत हो गई. वहीं एक घायल हो गया. अभी भी संयंत्र के अंदर पांच के फंसे होने की आशंका है.
मशीनों, क्रेन और गैस कटरों की मदद से खोज
अधिकारियों के अनुसार, 400 से अधिक कर्मियों वाली कई एजेंसियों की बचाव टीमों ने कुछ श्रमिकों के मलबे में फंसे होने की सूचना दी. इसके बाद अभियान चलाया गया. मुंगेली के पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल ने मीडिया को बताया कि मशीनों, क्रेन और गैस कटरों की मदद से खोज एवं बचाव अभियान गुरुवार को चलाया गया.
पटेल ने बताया कि 42 घंटे तक चले बचाव अभियान के दौरान, लोहे की संरचना को हटा दिया गया. उड़ने वाली राख को हटा दिया गया. इसमें शनिवार सुबह तीन शव बरामद हुए. उन्होंने बताया कि तीन मृत श्रमिकों की पहचान बिलासपुर जिले के निवासी जयंत साहू (35), बलौदाबाजार जिले के प्रकाश यादव (20) और जांजगीर-चांपा जिले के अवधेश कश्यप (32) के रूप में हुई है. गुरुवार को मारे गए मजदूर की पहचान मनोज कुमार धृतलहरे (35) के रूप में हुई.
प्राथमिकी दर्ज की गई
बचाव टीमों में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ), पुलिस, जिला प्रशासन, औद्योगिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और अन्य एजेंसियों के कर्मी शामिल थे. पटेल के अनुसार, लापरवाही से मौत के आरोप में प्लांट प्रभारी अमित केडिया, प्रबंधक अनिल प्रसाद और प्लांट प्रबंधन के खिलाफ शुक्रवार को प्राथमिकी दर्ज की गई. उन पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 106 (ए) (लापरवाही से मौत का कारण), 289 (मशीनरी के संबंध में लापरवाहीपूर्ण आचरण) और 3 (5) (सामान्य इरादा) के तहत मामला दर्ज किया गया.