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छत्तीसगढ़ः भूपेश बघेल ने अमित शाह को नक्सलवाद मिटाने के लिए लिखा पत्र

मुख्यमंत्री ने पत्र में यह भी सुझाव दिया है कि वनांचलों में लघु वनोपज, वन औषधियां और कई तरह की उद्यानिकी फसलें होती हैं, लेकिन उनके प्रसंस्करण एवं विक्रय की व्यवस्था न होने के कारण संग्राहकों को इनका समुचित लाभ प्राप्त नहीं हो रहा है.

Updated on: 16 Nov 2020, 07:14 PM

नई दिल्ली:

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर बस्तर अंचल में नक्सल समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं. बघेल ने पत्र में लिखा है कि बस्तर अंचल में नक्सलवाद की समस्या से निपटने के लिए जरूरी है कि प्रभावित क्षेत्रों में बड़ी संख्या में रोजगार के अवसरों का सृजन किया जाए, जिससे नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के बेरोजगार युवा विवश होकर नक्सली समूहों में शामिल न हों.

मुख्यमंत्री ने नक्सल हिंसा से प्रभावित क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर रोजगार उपलब्ध करने के लिए सुझाव दिया है. उन्होंने लिखा है कि बस्तर अंचल में लौह अयस्क प्रचुरता से उपलब्ध है. यदि बस्तर में स्थापित होने वाले स्टील प्लांट्स को 30 प्रतिशत डिस्काउंट पर लौह अयस्क उपलब्ध कराया जाए, तो वहां सैकड़ों करोड़ का निवेश और हजारों की संख्या में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर निर्मित होंगे.

बघेल ने लिखा है कि कठिन भौगोलिक क्षेत्रों के कारण बड़े भाग में अभी तक ग्रिड की बिजली नहीं पहुंच पाई है सौर ऊर्जा संयंत्रों की बड़ी संख्या में स्थापना से ही आमजन की ऊर्जा आवश्यकता की पूर्ति तथा उनका आर्थिक विकास संभव है.

मुख्यमंत्री ने पत्र में यह भी सुझाव दिया है कि वनांचलों में लघु वनोपज, वन औषधियां और कई तरह की उद्यानिकी फसलें होती हैं, लेकिन उनके प्रसंस्करण एवं विक्रय की व्यवस्था न होने के कारण संग्राहकों को इनका समुचित लाभ प्राप्त नहीं हो रहा है. उन क्षेत्रों में स्थापित होने वाली प्रसंस्करण इकाइयों एवं कोल्ड चेन निर्मित करने के लिए उदारतापूर्वक अनुदान दिए जाने की जरूरत है.

मुख्यमंत्री ने लिखा कि विगत वर्षो में भारत सरकार द्वारा नक्सल प्रभावित राज्यों को सुरक्षा बल, आधुनिकीकरण, अधोसरंचना निर्माण एवं संचार साधनों के विकास के लिए उदारतापूर्वक सहायता उपलब्ध कराई गई, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं.