Bilaspur News: सीबीआई अधिकारी बनकर ठगों ने रिटायर्ड कर्मचारी को किया डिजिटल अरेस्ट, 1.09 करोड़ की ठगी

Bilaspur News: साइबर ठग आमतौर पर खुद को सीबीआई, पुलिस या बैंक अधिकारी बताकर लोगों को फंसा लेते हैं और डर के साये में उनसे पैसे ऐंठ लेते हैं.

Bilaspur News: साइबर ठग आमतौर पर खुद को सीबीआई, पुलिस या बैंक अधिकारी बताकर लोगों को फंसा लेते हैं और डर के साये में उनसे पैसे ऐंठ लेते हैं.

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Yashodhan.Sharma
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Digital arrest

सांकेतिक तस्वीर Photograph: (NN)

Bilaspur: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में डिजिटल अरेस्ट का एक बड़ा मामला सामने आया है. यहां ठगों ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर एक रिटायर्ड कर्मचारी से 1 करोड़ 9 लाख रुपये हड़प लिए. तीन महीने तक पीड़ित को मानसिक दबाव और डर के माहौल में रखकर ठगी को अंजाम दिया गया.

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ऐसे बुना गया ठगी का जाल

मोपका पाटलीपुत्र कॉलोनी निवासी पुरुषोत्तम दुबे, जो एसईसीएल से रिटायर हो चुके हैं, को जनवरी माह में एक अज्ञात नंबर से कॉल आया. कॉल करने वाले ने खुद को सीबीआई का अधिकारी बताते हुए आरोप लगाया कि नौकरी के दौरान उन्होंने वित्तीय गड़बड़ी की है. इसके बाद उन्हें वीडियो कॉल पर लगातार पूछताछ की जाने लगी. ठगों ने “जांच से बचाने” का हवाला देकर बुजुर्ग से पैसों की मांग शुरू कर दी.

लगातार दबाव में आकर पीड़ित ने जनवरी से मार्च के बीच अलग-अलग खातों में करीब 1 करोड़ 9 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए. इस दौरान उन्हें धमकी दी गई कि अगर उन्होंने किसी को इस बारे में बताया तो बड़ी कार्रवाई होगी. बेटे के विदेश में रहने के कारण उन्होंने किसी से मदद भी नहीं मांगी और चुपचाप ठगों के जाल में फंसते चले गए.

बेटे की वापसी के बाद खुला राज

मामले का खुलासा तब हुआ जब कुछ समय बाद उनका बेटा विदेश से घर लौटा. पिता से बातचीत के दौरान पूरी आपबीती सामने आई. इसके बाद पीड़ित ने सरकंडा थाने में शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ अपराध दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

बिलासपुर में नया नहीं है डिजिटल अरेस्ट का मामला

बिलासपुर में यह पहली बार नहीं है जब 'डिजिटल अरेस्ट' का मामला सामने आया हो. इससे पहले भी कई लोग ऑनलाइन फ्रॉड और फर्जी कॉल के जरिए अपनी मेहनत की कमाई गवां चुके हैं. साइबर ठग आमतौर पर खुद को सीबीआई, पुलिस या बैंक अधिकारी बताकर लोगों को फंसा लेते हैं और डर के साये में उनसे पैसे ऐंठ लेते हैं.

पुलिस की चुनौती और लोगों के लिए सबक

सरकंडा पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है, लेकिन आरोपियों तक पहुंचना आसान नहीं होगा क्योंकि ठग अक्सर फर्जी नंबर और खातों का इस्तेमाल करते हैं. पुलिस साइबर सेल की मदद से कॉल डिटेल और ट्रांजेक्शन की जांच कर रही है.

विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की घटनाओं से बचने का सबसे बड़ा उपाय जागरूकता है. किसी भी अनजान कॉल पर व्यक्तिगत जानकारी या पैसे साझा नहीं करने चाहिए और संदिग्ध कॉल आने पर तुरंत पुलिस या साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर सूचना देनी चाहिए.

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