Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर में सुरक्षाबल के जवानों को बड़ी कामयाबी मिली है. यहां 19 नक्सलियों ने उनके समक्ष सरेंडर कर दिया है. आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में से 9 पर इनाम घोषित था. पुलिस अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि सोमवार को इनामी नक्सलियों में देवा पदम, देवा की पत्नी दुले कलमू, सुरेश कटटाम, सोनी पूनेम, नारायण कटटाम, अंदा माडवी, बामी कुहरामी, शंकर कड़ती और मुन्ना पोड़ियाम शामिल हैं.
अधिकारी ने आगे कहा कि नक्सली संगठनों में वरिष्ठ कमांडरों द्वारा निर्दोष आदिवासियों का शोषण किया जा रहा है, जिससे निचले स्तर के कार्यकर्ताओं में असंतोष बढ़ता जा रहा है. इसके अलावा, सरकार द्वारा स्थापित सुरक्षा बलों के कैंप और ‘निया नेल्लानार’योजना के तहत किए जा रहे विकास कार्यों से प्रभावित होकर इन नक्सलियों ने सरेंडर किया.
एओबी और पमेड में सक्रिय थे नक्सली
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली आंध्र-ओडिशा सीमा (AOB) डिवीजन और पमेड क्षेत्रीय समिति में अलग-अलग पदों पर सक्रिय थे. इनमें सबसे प्रमुख नाम देवा पडाम (30) और उसकी पत्नी दुले कलमु (28) का है, जो माओवादी संगठन की बटालियन नंबर 1 में वरिष्ठ सदस्य थे और जिन पर 8-8 लाख रुपये का इनाम घोषित था.
इसके अलावा, सुरेश कट्टम (21) नामक क्षेत्रीय समिति के सदस्य पर 5 लाख रुपये का इनाम था. एक अन्य आत्मसमर्पित नक्सली पर 2 लाख रुपये का इनाम था, जबकि 5 नक्सलियों पर 1-1 लाख रुपये के इनाम की घोषणा थी.
मिलेगा सरकारी योजनाओं का लाभ
पुलिस अधिकारी ने बताया कि नक्सलियों के आत्मसमर्पण में डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (DRG), बस्तर फाइटर्स, स्पेशल टास्क फोर्स (STF), सीआरपीएफ और इसकी विशेष इकाई कोबरा (CoBRA) की अहम भूमिका रही. आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सलियों को सरकार की पुनर्वास नीति के तहत 25,000 रुपये की तत्काल सहायता दी गई और उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ भी दिया जाएगा.
बीजापुर जिले में इस साल अब तक 84 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं. वहीं, पिछले साल पूरे बस्तर क्षेत्र में 792 नक्सलियों ने मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया था. पुलिस और प्रशासन लगातार इस दिशा में काम कर रहे हैं ताकि अधिक से अधिक नक्सली हिंसा का रास्ता छोड़कर विकास की राह पर लौट सकें.