बिलासपुर में सीमेंट के प्लांट का भारी विरोध, किसानों-ग्रामीणों के समर्थन में आए राजनीतिक दल

उग्र ग्रामीणों ने विरोध स्वरुप जनसुनवाई के लिए लगायी गयी कुर्सियों को उछालकर विरोध दर्ज कराया.

उग्र ग्रामीणों ने विरोध स्वरुप जनसुनवाई के लिए लगायी गयी कुर्सियों को उछालकर विरोध दर्ज कराया.

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Dalchand Kumar
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बिलासपुर में सीमेंट के प्लांट का भारी विरोध, किसानों-ग्रामीणों के समर्थन में आए राजनीतिक दल

बिलासपुर की मस्तुरी विधानसभा के ग्राम पंचायत बोहारडीह में एसीसी सीमेंट के प्लांट खोले जाने को लेकर आयोजित जनसुनवाई में किसानों, ग्रामीणों, महिलाओं सहित सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने प्लांट स्थापना का जमकर विरोध किया. इस दौरान ग्रामीणों ने एसीसी सीमेंट के अधिकारियों से प्लांट नहीं लगाने का खुलकर विरोध करते हुए एसीसी सीमेंट वापस जाओ के नारे भी लगाए.

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जनसुनवाई के दौरान कई दफे गहमागहमी की स्थिति भी निर्मित हुई. वहीं उग्र ग्रामीणों ने विरोध स्वरुप जनसुनवाई के लिए लगायी गयी कुर्सियों को उछालकर विरोध दर्ज कराया. कार्यक्रम के दौरान पुलिस बल मौजूद रहा, जिसके चलते किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति निर्मित नहीं हुई. जनसुनवाई का भारी विरोध किये जाने के चलते एसीसी सीमेंट व प्रशासन के अधिकारियों ने जनसुनवाई स्थगित करने का ऐलान कर दिया.

जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़(जे) के अध्यक्ष अमित जोगी के नेतृत्व में सैकड़ों की संख्या में जोगी कांग्रेस के कार्यकर्ता उपस्थित थे. वहीं बोहारडीह ग्राम पंचायत के आसपास के सरपंचों, पंचों सहित ग्रामीणों ने जनसुनवाई का विरोध किया. जनसुनवाई का एसीसी सीमेंट के जनसुनवाई के मैनजमेंट के लिए लवन-कसडोल के निवासी पीसी पाण्डेय को जिम्मेदारी दी गयी है, जो पिछले कई दिनों से क्षेत्र में दौरा कर ग्रामीणों के विरोध को दबाने का भरकस प्रयास में जुटे हुए थे. लेकिन आज हुई जनसुनवाई में चौतरफे विरोध के बाद से एसीसी सीमेंट की सभी योजनायें विफल हो गयी.

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सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि प्लांट स्थापना के लगे 10 किमी के दायरे में किसी भी तरह के नदी नाले नहीं रहने चाहिए. इस नियम के अनुसार ही प्लांट की स्थापना किया जा सकता है, जबकि एसीसी सीमेंट के प्लांट की स्थापना के कुछ ही दूरी पर शिवनाथ, निलांगर व अरपा नदी है जो कि प्लांट स्थापना के नियम के विपरीत है. ग्रामीणों का कहना है कि पर्यावरण विभाग के अधिकारी व एसीसी सीमेंट प्लांट के अधिकारियों द्वारा आपसी सांठगांठ है जो अपने लाभ के लिए जनसुनवाई के विरोध को दबाने का प्रयास कर रहे हैं.

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