लोकसभा चुनाव में हार के बाद छत्तीसगढ़ में कांग्रेस नेताओं के सामने अब ये है बड़ी चुनौती

अब नगरीय निकाय चुनाव से पहले संगठन को फिर से मजबूत करने में पार्टी जुटेगी.

अब नगरीय निकाय चुनाव से पहले संगठन को फिर से मजबूत करने में पार्टी जुटेगी.

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Dalchand Kumar
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लोकसभा चुनाव में हार के बाद छत्तीसगढ़ में कांग्रेस नेताओं के सामने अब ये है बड़ी चुनौती

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार होने के बावजूद लोकसभा चुनाव में पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा. पार्टी के आला-नेताओं की चिंता और बढ़ गई है. अब नगरीय निकाय चुनाव से पहले संगठन को फिर से मजबूत करने में पार्टी जुटेगी. संगठन के कमजोर होने का सबसे बड़ा कारण मंत्रियों, विधायकों, पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं के बीच समन्वय की कमी और भेदभाव का होना माना गया है.

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इस कारण प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया ने आगाह किया है कि सबसे पहले तो संगठन के भीतर छत्तीसगढ़िया और बाहरी, पुराना कांग्रेस और जनता कांग्रेस या दूसरे दल से आए नेता-कार्यकर्ता के बीच के भेद को खत्म करना जरूरी है.

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रविवार को राजीव भवन में प्रदेश कार्यकारी समिति, प्रत्याशियों, जिलाध्यक्षों और मोर्चा-संगठनों के प्रमुखों की संयुक्त बैठक हुई. जिसमें यक्ष प्रश्न यही था कि पांच महीने में ऐसा क्या हो गया कि कांग्रेस का वोट फीसद 43 से गिरकर 40 पर पहुंच गया और भाजपा का 33 फीसद से बढ़कर 50 फीसद पहुंच गई. मंत्रियों, विधायकों और जिलाध्यक्षों ने कांग्रेस के वोट फीसद गिरने के कारण गिनाए. कारणों को दूर करने पर भी मंथन हुआ.

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