वायुसेना के हेलीकॉप्टर ने की एम्स रायपुर के ऊपर फूलों की वर्षा, लगे 'भारत माता की जय' के नारे

भारतीय वायु सेना के एक हेलीकॉप्टर ने रविवार को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के ऊपर फूलों के पंखुड़ियों की वर्षा की और यहां कोरोना योद्धाओं का आभार जताया.

भारतीय वायु सेना के एक हेलीकॉप्टर ने रविवार को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के ऊपर फूलों के पंखुड़ियों की वर्षा की और यहां कोरोना योद्धाओं का आभार जताया.

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Sushil Kumar
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प्रतीकात्मक फोटो( Photo Credit : फाइल फोटो)

भारतीय वायु सेना के एक हेलीकॉप्टर ने रविवार को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के ऊपर फूलों के पंखुड़ियों की वर्षा की और यहां कोरोना योद्धाओं का आभार जताया. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सशस्त्र बलों ने देश भर में कोरोना वायरस से लोगों को बचाने के लिए लड़ रहे चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ, स्वच्छता कर्मचारियों और अन्य लोगों का सम्मान करने का फैसला किया था. इसी कड़ी में रविवार को भारतीय वायुसेना के एक एमआई -17 हेलीकॉप्टर ने रायपुर विमानतल से लगभग सुबह 10.20 बजे उड़ान भरी और एम्स के ऊपर फूलों की वर्षा की.

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इस गौरवशाली क्षण को अपने मोबाइल फोन पर रिकॉर्ड करने से नहीं रोक सके

इस दौरान एम्स के चिकित्सक, अन्य कर्मचारी और पुलिस कर्मी अस्पताल परिसर में एक खुले स्थान में एकत्र थे. रायपुर एम्स द्वारा जारी किए गए एक वीडियो में जब हेलिकॉप्टर अस्पताल परिसर में मंडरा रहा था और पंखुड़ियों को गिरा रहा था तब अस्पताल के कर्मचारियों को ताली बजाते और ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाते देखा जा सकता है. वहीं चिकित्सक और अन्य कर्मचारी अपने सम्मान के इस गौरवशाली क्षण को अपने मोबाइल फोन पर रिकॉर्ड करने से नहीं रोक सके. एम्स रायपुर के निदेशक नितिन एम नागरकर ने इस दौरान कहा कि हम सशस्त्र बलों से इस तरह सम्मान प्राप्त कर भावनात्मक रूप से अभिभूत हैं.

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अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों का बेहतर इलाज हो

इस तरह का सम्मान हमारे कर्मचारियों को इस महामारी के दौरान और बेहतर कार्य करने के लिए प्रेरित करता है. नागरकर ने कहा कि हमारे चिकित्सा कर्मचारी पूरी प्रतिबद्धता के साथ दिन-रात काम कर रहे हैं. उनका उद्देश्य है कि अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों का बेहतर इलाज हो और वे स्वस्थ होकर अपने घर जा सकें. निदेशक ने कहा कि यह बीमारी (कोविड-19) एक सामान्य बीमारी नहीं है और डॉक्टरों तथा अन्य कर्मचारियों को भी ऐसे रोगियों का इलाज करते समय संक्रमित होने का खतरा है.

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रोगियों का इलाज कर रहे हैं और घर नहीं जा रहे हैं

उन्होंने कहा कि वे स्वयं की रक्षा करते हुए रोगियों का इलाज कर रहे हैं और घर नहीं जा रहे हैं. नागरकर के अनुसार चिकित्सा कर्मी एक सप्ताह की ड्यूटी के बाद 14 दिन के लिए पृथक-वास पर जा रहे हैं. नागरकर ने कहा कि हम अपने सशस्त्र बलों से सम्मान पाने के बाद भावुक हैं और हम उनके आभारी हैं.

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