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नालंदा में साल के पहले दिन जू और नेचर सफारी बंद, प्रशासन ने जारी की एडवाइजरी

नालंदा के राजगीर में साल के पहले दिन जू और नेचर सफारी दोनों बंद रहेंगे. जिला और वन विभाग ने ये एडवाइजरी जारी की है.

Updated on: 28 Dec 2022, 04:14 PM

highlights

  • साल के पहले दिन जू और नेचर सफारी बंद
  • प्रशासन ने जारी की एडवाइजरी
  • ज्यादा भीड़ की आशंका से बंद करने का फैसला
  • जू और नेचर सफारी में टिकट व्यवस्था पर सवाल?
  • पर्यटकों ने लगाए टिकट बेचने में हेराफेरी का आरोप

Nalanda:

नालंदा के राजगीर में साल के पहले दिन जू और नेचर सफारी दोनों बंद रहेंगे. जिला और वन विभाग ने ये एडवाइजरी जारी की है. ज्यादा भीड़ की वजह से प्रशासन ने ये फैसला लिया है. नये साल को मनाने के लिए उत्साहित नालंदा के लोगों को इस बार थोड़ी निराशा हाथ लगेगी. दरअसल 1 जनवरी 2023 को राजगीर के दो मेन पर्यटक स्थलों को बंद रखा जाएगा. प्रशासन का इसके पीछे तर्क है ये है कि नये साल के पहले दिन राजगीर में पिकनिक स्पॉट होने की वजह से यहां काफी भीड़ होने की संभावना है. जिसकी वजह से स्थानीय प्रशासन एतियात के तौर पर ये फैसला लिया है और बंद रखने के संबंध में एडवाइजरी भी जारी कर दी है. जिसकी तस्दीक डीएम शशांक शुभंकर भी कर रहे हैं.

राजगीर में घूमने आये इन पर्यटकों का दर्द कुछ और भी है. इन लोगों का कहना है कि पर्यटन स्थलों में लोगों के घूमने फिरने के लिए व्यवस्था नाकाफी साबित हो रही है. जू और नेचर सफारी के लिए करीब 1200 टिकट हर दिन काटे जाते हैं. पर्यटकों को सुबह से लाइन में खड़े होने के बावजूद टिकट उपलब्ध नहीं हो पाता. वहीं, कुछ लोगों का कहना है कि यहां टिकट की हेराफेरी भी की जाती है.

बंगाल से आये परिवार ने यहां की टिकट व्यवस्था पर आरोप लगाये. सुबह 8 बजे से गेट पर खड़े रहने के बावजूद उन्हें टिकट नहीं मिला और सिर्फ आधे घंटे में ही 12 सौ टिकट बिक गए. साक्ष्य न होने की वजह से वे कुछ कर तो नहीं पाए, लेकिन उन्होंने कैमरे के सामने बोलने की हिम्मत जरूर दिखाई. हालांकि ऐसा कहने वाले ये अकेले नहीं है. बहुत लोग इससे पीड़ित हैं, लेकिन वे कैमरे के सामने बोलने से परहेज करते हैं. इन लोगों की ये बात अगर प्रशासन तक पहुंचे तो हो सकता है कि यहां की पर्यटन व्यवस्था को दुरुस्त किया जा सके और ये इलाका ज्यादा से ज्यादा विकसित हो जाए. वहीं, एक जनवरी 2023 के लिए बंद की एडवाइजरी पर पर्यटकों को निराश होने की वजाये दूसरे विकल्पों का सहारा लेना चाहिए. जिसमें राजगीर में बहुते से ऐसे ऐतिहासिक से लेकर पर्यटन और धार्मिक स्थल शामिल हैं. जहां जाकर वे साल के पहले दिन को इंज्वाय कर सकते हैं.

रिपोर्ट : शिव कुमार

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