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पेट में पल रही बेटी को मारने के चक्कर में महिला की मौत, जानिए पूरा मामला

बगहा में पेट में पल रही बेटी को मारने के चक्कर में एक महिला की मौत हो गई.चंद्रशेखर उर्फ पप्पू के मिलीभगत से महिला का अबॉर्शन कराया गया. अबॉर्शन के बाद उसकी स्थिति बिगड़ गई. तब उसे अनुमंडलीय अस्पताल लाया गया. जहां चिकित्सक ने महिला को मृत घोषित किया

Updated on: 25 Jul 2022, 03:22 PM

Bagaha:

बगहा में पेट में पल रही बेटी को मारने के चक्कर में एक महिला की मौत हो गई. घटना रविवार रात की है. बताया जा रहा है कि बगहा नगर के मलाही टोला निवासी सुर सहनी की पुत्री रागनी उर्फ सीमा की शादी फतेहपुर थाना क्षेत्र के हरपुरवा गांव निवासी दीपक चौधरी से पांच साल पहले हुई थी. शादी के बाद एक चार साल और एक दो साल की बेटी हुई थी. इधर रागिनी पेट से थी. इसी बीच उसका पति दीपक कमाने के लिए बाहर चला गया. पत्नी को उसके पिता के घर छोड़ दिया. दीपक ने अपने ससुराल के एक झोलाछाप डॉक्टर चंद्रशेखर उर्फ पप्पू को फोन कर पत्नी के पेट में पल रहे बच्चे का भूर्ण जांच कराने के लिए बोला. 

पप्पू ने मृतिका का किसी से अल्ट्रासाउंड में कराया. जहां पेट में लड़की होने की जानकारी मिली. जिसके बाद पप्पू, रागिनी और उसके पति दीपक के सहमति से रागिनी का अबॉर्शन कराने के लिए किसी ममता के पास लेकर गया. हालांकि पप्पू पूरी बात स्वीकार कर रहा है, लेकिन किस जगह पर अल्ट्रासाउंड कराया और किस ममता से गर्भपात कराया यह नहीं बता रहा है.

कैसे हुई मौत

चंद्रशेखर उर्फ पप्पू के मिलीभगत से महिला का अबॉर्शन कराया गया. अबॉर्शन के बाद उसकी स्थिति बिगड़ गई. तब उसे अनुमंडलीय अस्पताल लाया गया. जहां चिकित्सक ने महिला को मृत घोषित कर दिया.

पति ने बंद किया मोबाइल

गर्भपात के कारण पत्नी की मरने की सूचना जैसे ही पति को मिली तो पति ने अपना मोबाइल स्विच ऑफ कर दिया. इसके साथ ही लड़की के मायके वाले शव को लेकर गायब हो गए. इस खेल में ससुराल से लेकर मायके वाले सभी शामिल हैं.

क्या नगर में हो रही है भ्रूण की जांच

नगर में अल्ट्रासाउंड जांच धड़ल्ले से जारी है. इसका जीता जागता प्रमाण मिलने के बाद सभी लोग मूकदर्शक बने हुए हैं. दूसरी ओर अस्पताल प्रबंधन ने शव को क्यों जाने दिया? पुलिस को क्यों नहीं सूचना दिया? पुलिस ने इतनी बड़ी घटना की बात पुलिस को क्यों नहीं पता चला? इस बातों को लेकर भी नगर में चर्चा जोरो पर है.