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लॉकडाउन में अपनों ने छोड़ा साथ, रिश्तेदारों के जख्मों से टूटा बुजुर्ग को राहत केंद्र में मिली आस

इस युग में अगर आपके पास पैसा है या रूपया कमाने की क्षमता है.तभी तक आप में अपनों के लिए आकर्षण है. अगर आप इसमें अक्षम हैं तो खून का रिश्ता भी साथ देने से इनकार कर देगा है. यकीन मानिए आज की मतलबी दुनिया की यही रीत है.

Updated on: 01 May 2020, 12:05 PM

खगड़िया:

इस युग में अगर आपके पास पैसा है या रुपया कमाने की क्षमता है.तभी तक आप में अपनों के लिए आकर्षण है. अगर आप इसमें अक्षम हैं तो खून का रिश्ता भी साथ देने से इनकार कर देगा है. यकीन मानिए आज की मतलबी दुनिया की यही रीत है. बिहार के खगड़िया में अपनों के जख्म से बिल्कुल टूट चुके एक बुजुर्ग की दर्दनाक दास्तां तो यही बयां कर रही है. कोविड -19 के संक्रमण से बचाव को लेकर जारी लॉकडाउन के दौरान खगड़िया शहरी क्षेत्र में रिश्ते को शर्मसार करने वाला ऐसा ही मामला सामने आया है. जहां एक बुजुर्ग लॉकडाउन में फंसने के कारण अपनी बेटी-दामाद के घर रहने गए. लेकिन बेटी ने अपने बूढ़े पिता को देखकर अपने घर का दरवाजा तक नहीं खोला. और उल्टे पांव जाने को कह डाला.

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बेटी की कड़वी बातों को सुनसान बुजुर्ग पिता आंखों में आंसू लेकर और भूख प्यास में खगड़िया के तंग गलियों में भटकता रहा. भटकते-भटकते वह बेहोश हो गया. जिसके बाद पुलिस उसे अस्पताल लेकर पहुंची. यहां उपचार और ब्लड सेंपल जांच के बाद उसे शहर के बापू मध्य विद्यालय राहत केंद्र में शिफ्ट कर दिया जाता है. अब उन्हें दो वक्त की रोटी और लोगों का सम्मान मिल रहा है.

दरसअल, अजय कुमार महाजन नाम का यह बूजुर्ग मुंगेर जिले जमालपुर के रहने वाला है. यह बुजुर्ग पंजाब के लुधियाना में सिक्युरिटी गार्ड के रूप में वर्षों से काम कर रहे थे. लॉकडाउन के दौरान 25 मार्च को किसी तरह पंजाब से खगड़िया जिला मुख्यालय पहुंचे. जहां उनकी बेटी और दामाद रहते हैं. यह पंजाब से सीधे अपनी बेटी के ससुराल खगड़िया शहर आए. लेकिन बेटी ने इन्हें तिरस्कार करके लौटा दिया.

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बेटी-दामाद से प्रताड़ित बुजुर्ग का कहना है कि बेटी के इस बर्ताव से वह सुसाइड कर रहे थे. मगर खगड़िया पुलिस ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया. उन्होंने कहा कि खून-पसीना बहाकर बेटी को पालन-पोषण किया, लेकिन मुसीबत आई तो साथ देने से भी इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि मैं पिता हूं, संतान को श्राप तो नहीं दे सकता. लेकिन यह प्रताड़ना उन्हें जीवन भर याद रहेगी.

उधर, राहत केंद्र के प्रभारी चंद्रमणि मिश्र का कहना है कि बुजुर्ग का दामाद खगड़िया में ही रहता है. लॉकडाउन के दौरान बुजुर्ग पंजाब से सीधे अपने बेटी के ससुराल खगड़िया आए थे. मगर बेटी ने इन्हें रखने से इनकार कर दिया. यह बुजुर्ग बेहोशी के हालत में पुलिस को बरामद हुए. पुलिस ने इसे सदर अस्पताल में भर्ती कराया. इनका ब्लड सेम्पल का जांच हुआ. इनका रिपोर्ट नेगेटिव आया. बाद में इन्हें राहत केंद्र में शिफ्ट किया गया है. अभी यह राहत केंद्र में रह रहे हैं.

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