तेजस्वी ने क्यों कहा कि नरेन्द्र मोदी कर रहे हैं उनके 'रोजगार मॉडल' की नकल , क्या है 75 हजार नौकरियों की इनसाइड स्टोरी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के लोगों को दिवाली का एक बड़ा तौफा देने जा रहे हैं. जिसका इंतजार युवाओं को कब से था. देशभर के 75,000 युवाओं को नौकरी का उपहार देने जा रहें हैं. 22 अक्टूबर को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए युवाओं से जुड़ेंगे.
Patna:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के लोगों को दिवाली का एक बड़ा तौफा देने जा रहे हैं. जिसका इंतजार युवाओं को कब से था. देशभर के 75,000 युवाओं को नौकरी का उपहार देने जा रहें हैं. 22 अक्टूबर को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए युवाओं से जुड़ेंगे. इस दौरान 75,000 युवाओं को नौकरी का नियुक्ति पत्र सौंपा जाएगा. वहीं , आज बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने स्वास्थ्य विभाग के 9 हजार 469 कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र बांटा जिसके बाद उन्होंने पीएम मोदी पर हमला भी बोला और ये कहा कि नरेंद्र मोदी उनकी नकल कर रहें है. दो करोड़ रोजगार देने का वायदा करने वाली मोदी सरकार को आठ साल में 16 करोड़ रोजगार देना चाहिए था, लेकिन मात्र 75 हजार को नियुक्ति पत्र बांटा जा रहा है.
बता दें कि, इसी साल जून में पीएम मोदी ने ऐलान किया था कि उनकी सरकार अगले डेढ़ साल में यानी 2023 दिसंबर तक 10 लाख नौकरियां देगी. बेरोजगारी के मुद्दे पर विपक्षी पार्टियां अक्सर मोदी सरकार पर सवाल खड़ा करते रहती है. सभी विभागों और मंत्रालयों की समीक्षा के बाद इस दिशा में मिशन मोड में काम शुरू हो गया था. इसी के तहत पीएम मोदी कल 75,000 युवाओं को रोजगार का नियुक्ति पत्र देंगे.
किन - किन क्षेत्रों में मिलगा रोजगार
युवाओं को रक्षा मंत्रालय, रेल मंत्रालय, डाक विभाग, गृह मंत्रालय, श्रम और रोजगार मंत्रालय, सीआईएसएफ, सीबीआई, कस्टम, बैंकिंग समेत कई अन्य क्षेत्रों में नौकरियां मिलेगी. इस कार्यक्रम में देश के अलग-अलग शहरों से केंद्रीय मंत्री भी जुड़ेंगे. शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ओडिशा से, स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया गुजरात से, सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर चंडीगढ से, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल महाराष्ट्र से जुड़ेंगे. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव राजस्थान से, वित्त मंत्री निर्मला सीतारामण तमिलनाडु से, भारी उद्योग मंत्री महेंद्र पांडे उत्तर प्रदेश से, अर्जुन मुंडा झारखंड से और गिरिराज सिंह बिहार से जुड़ेंगे.
तेजस्वी ने 9 हजार 469 कर्मचारियों दिया नियुक्ति पत्र
सीएम नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के हाथों स्वास्थ्य विभाग के 9 हजार 469 कर्मचारियों को सरकारी नियुक्ति पत्र दिया गया. इनमें 8 हजार 517 नर्स, 26 जिला कम्युनिटी मोबलाइजर, 190 सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर और 579 काउंसलर शामिल हैं. स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र सौंपने के बाद तेजस्वी यादव ने कहा कि आज बिहार ने इतिहास रच दिया. एक दिन में ही एक ही विभाग के नव चयनित 9 हजार 468 स्वास्थ्य कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र सौंपा. बिहार ने जो राह दिखायी है. अब पूरे देश को हमारे नौकरी-रोजगार के मुद्दे पर आना ही होगा. हमने 2020 बिहार विधानसभा चुनाव में उदाहरण स्थापित किया. अब माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी के नेतृत्व में उदाहरण स्थापित कर रहे हैं.
तेजस्वी ने पीएम मोदी पर नकल करने का लगाया आरोप
उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने आज नियुक्ति पत्र देने के बाद कहा कि बिहार में महागठबंधन सरकार जब से नियुक्ति पत्र बांटने लगी है तो केंद्र सरकार भी उसका नकल करने लगी है. दो करोड़ रोजगार देने का वायदा करने वाली मोदी सरकार को आठ साल में 16 करोड़ रोजगार देना चाहिए था, लेकिन मात्र 75 हजार को नियुक्ति पत्र बांटा जा रहा है. गरीबी, महंगाई पर चर्चा करने के बजाए जुमला पार्टी की सरकार हिंदु-मुस्लिम और मंदिर-मस्जिद करने पर तुली हुई है.
बिहार में नौकरियों की बहार, जानिए किस क्षेत्र में कितने पद
कृषि विभाग - 9 हजार पद
स्वास्थ्य विभाग - 60 हजार पद
शिक्षा विभाग - 2 लाख पद
गृह विभाग - 12 हजार पद
राजस्व एवं भूमि सुधार - 7 हजार 595 पद
कला संस्कृति - 227 पद
देश में किस साल मिली कितनी नौकरियां जानिए
साल नौकरियों की संख्या
2014-15 1,30,423
2015-16 1,11,807
2016-17 1,01,333
2017-18 76,147
2018-19 38,100
2019-20 1,47,096
2020-21 78,555
2021-22 38,850
जब बिहार में नौकरियों की बहार है तो क्यों प्रदर्शन करने को मजबूर हैं अभ्यर्थी
बिहार में नौकरियों की बहार है. तेजस्वी यादव खुद कहते हुए नजर आ रहें है कि अब युवाओं को रोजगार मुहैया कराएगी सरकार लेकिन क्या सच में ऐसा हो रहा है या फिर इसकी सच्चाई कुछ और ही है. सवाल ये है कि अगर युवाओं को नौकरी दी जा रही है. हर क्षेत्र में बहाली निकली जा रही है तो फिर हजारों अभ्यर्थी क्यों प्रदर्शन कर रहें हैं. पिछले 3-4 सालों से अभ्यर्थी बहाली का इंतजार कर रहे हैं. BTSC में पिछले 4 साल से 6400 कनीय अभियंता का रिजल्ट लंबित है. बार-बार आश्वासन के बावजूद प्रदर्शन करने को मजबूर हैं. 3 सालों से 90 हजार शिक्षक अभ्यर्थी सातवें चरण की बहाली के इंतजार में हैं. बार-बार प्रदर्शन और ट्विटर पर कैंपेन भी चलाने के बावजूद उन्हें अब तक तारीख नहीं मिली है.
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