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फाइल फोटो( Photo Credit : फाइल फोटो)
1 फरवरी को केंद्र सरकार के पेश होने वाले बजट पर पूरे देश की निगाहें हैं और वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण से आम से लेकर खास को उम्मीद ही उम्मीदें हैं. चाहे वो बेरोजगार युवा हो, नौकरीपेशा हो, कारोबारी हो, उद्यमी हो, किसान हो या फिर दैनिक मजदूरी करने वाले लोग हों, समाज के सभी तबकों को बजट से काफी उम्मीदें हैं. आम जनता महंगाई से खासतौर पर पेट्रोल-डीजल और राशन की आसमान छूती कीमतों से त्राहिमाम कर रही है. हालांकि बहुत सारे लोग ऐसे भी हैं जिन्हें ऐसा लगता है कि इस बार उन्हें राहत नहीं मिलेगी. क्योंकि उनका मानना है कि कोई भी सरकार हो वो आम आदमी के बारे में नहीं सोचती है. वहीं, कुछ लोगों को ये उम्मीद जरूर है अगले साल लोकसभा चुनाव होने वाले हैं. लिहाजा ये बजट लोकलुभावन तो जरूर होगा.
बिहार की राजधानी पटना के लोगों ने कहा कि जनता महंगाई से खासतौर पर पेट्रोल-डीजल और राशन की आसमान छूती कीमतों से त्राहिमाम कर रही है. लिहाजा इस बार के बजट में उसे महंगाई से निजात चाहिए. नौकरी पेशा खासतौर पर जो प्राइवेट जॉब करने वाले युवा हैं उनकी उम्मीद है कि टैक्स में बढ़ोतरी ना हो और उनकी आमदनी में इजाफा होने के साथ-साथ नौकरियों का दायरा भी बढ़े. बेरोजगारों को भी सरकार से उम्मीद है कि सरकार इस बार बेरोजगारों के लिए कुछ खास करेगी और नौकरियों के लिए रोजगार सृजन करेगी.
कारोबारियों का कहना है कि सरकार अच्छा काम कर रही है, लेकिन जीएसटी को लेकर और संशोधन और पारदर्शिता बरतने की लोग उम्मीद कर रहे हैं. कारोबारियों को टैक्स में भी सरकार से राहत की उम्मीद है. हालांकि बहुत सारे लोग ऐसे भी हैं जिन्हें ऐसा लगता है कि इस बार उन्हें राहत नहीं मिलेगी. क्योंकि उनका मानना है कि कोई भी सरकार हो तो आम आदमी का नहीं सोचती.
वहीं, घर का बजट संभालने वाली महिलाओं को इस बार वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण से उम्मीदें ज्यादा हैं. क्योंकि उनका मानना है कि निर्मला सीतारमण वित्त मंत्री होने के साथ एक महिला हैं और देश के बजट के साथ-साथ उन्हें घर के बजट का जरूर पता होगा और ये एहसास भी कि आम घरेलू महिलाएं बढ़ती महंगाई से कैसे परेशान होती हैं.
वहीं, जानकारों का मानना है कि पांच ऐसे सेगमेंट हैं जिसमें छूट मिलने की उम्मीद जताई जा रही है. अगले साल आम चुनाव से पहले मोदी 2.0 सरकार का ये आखिरी पूर्ण बजट होगा. ये बजट ऐसे समय में पेश किया जा रहा है, जबकि जब वैश्विक आर्थिक गतिविधि व्यापक रूप से स्लोडाउन का सामना कर रही है.
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Source : News State Bihar Jharkhand