देश के कई राज्यों महाराष्ट्र, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राज्सथान में लाउडस्पीकर को लेकर बवाल मचा हुआ है.महाराष्ट्र के मुंबई से शुरू हुए इस विवाद ने धीरे-धीरे में कई राज्यों के अपनी जद में ले लिया है. उत्तर प्रदेश में तो शासन के लाउडस्पीकर का प्रयोग करने के लिए बकायदा आवाज का मानक निर्धारित किया है. लखनऊ समेत कई शहरों में पुलिस प्रशासन धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर को हटवा रहा है. ऐसे में बिहार की राजधानी पटना में मंदिर-मंस्जिद ने लाउडस्पीकर में मुद्दे पर समझदारी दिखाकर मिसाल पेश की है.
पटना में एक मंदिर और एक मस्जिद एक-दूसरे की प्रार्थनाओं और समारोहों का सम्मान करते हुए सांप्रदायिक सद्भाव की मिसाल पेश कर रहे हैं. यहां मंदिर और मस्जिद सिर्फ 50 मीटर की दूरी पर हैं. अजान के दौरान मंदिर अपने लाउडस्पीकरों को बंद कर देता है, मस्जिद भी उसी तरह मंदिर के भक्तों के प्रति सम्मान ख्याल रखती है.
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पटना मस्जिद के चेयरमैन फैजल इमाम ने कहा कि मंदिर सम्मान के तौर पर अजान के दौरान लाउडस्पीकर बंद कर देता है. उन्होंने यह भी कहा कि रामनवमी के अवसर पर मंदिर में आने वाले भक्तों के लिए मस्जिद ने शरबत का भोग लगाया. इमाम ने कहा कि हमने रामनवमी पर मंदिर में आने वाले भक्तों को शरबत ऑफर किया क्योंकि वे मस्जिद के सामने कतार में थे. मंदिर में लाउडस्पीकर पूरे दिन भजन-कीर्तन बजाते हैं लेकिन सम्मान के प्रतीक के रूप में अजान के दौरान बंद कर दिए जाते हैं. यह एकता की भावना है.
इसी तरह, पटना के महावीर मंदिर के चेयरमैन किशोर कुणाल ने बताया कि वे (मंदिर और मस्जिद के लोग) अक्सर एक-दूसरे की मदद करते हैं और भाईचारा बनाए रखते हैं. कुणाल ने कहा कि न तो हमें अजान से कोई समस्या है और न ही उन्हें भजन-कीर्तन से कोई समस्या है. हम अपने बीच भाईचारा बनाए रखते हैं और अक्सर एक-दूसरे की मदद करते हैं.
लाउडस्पीकर विवाद के दौरान बिहार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मुद्दे पर एक स्पष्ट रुख बनाए रखा है और बार-बार दोहराया है कि उनकी सरकार कभी भी "ऐसी राजनीति में शामिल नहीं होगी" या किसी भी धर्म में हस्तक्षेप नहीं करेगी.
इस बीच, उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार के निर्देश के बाद रविवार सुबह 7 बजे तक विभिन्न धार्मिक स्थलों से 53,942 लाउडस्पीकरों को हटा दिया गया है. इस घोषणा से पहले, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस महीने की शुरुआत में धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर की संख्या को प्रतिबंधित करने के निर्देश जारी किए थे. वहीं महाराष्ट्र में 13 अप्रैल को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे ने उद्धव ठाकरे सरकार को अल्टीमेटम दिया और मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने की अपनी मांग दोहराई.