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बिहार विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत के बाद नीतीश कुमार ने नई सरकार बना ली. गुरुवार को 26 मंत्रियों के साथ नीतीश कुमार ने भी 10वीं बार शपथ ली है. जेडीयू से जीत दर्ज करने वाले विधायकों में बाहुबली नेता अनंत सिंह भी शामिल हैं. हालांकि दुलारचंद मर्डर केस में फिलहाल वह जेल में है. इस बीच अनंत सिंह को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है. चर्चित मोकामा सीट से जेडीयू विधायक अनंत सिंह को एक बार फिर कानूनी मोर्चे पर बड़ा झटका लगा है.
विधानसभा चुनाव के दौरान हुए चर्चित दुलारचंद यादव हत्याकांड में दायर उनकी जमानत याचिका पटना सिविल कोर्ट ने खारिज कर दी है. यह फैसला उन परिस्थितियों में आया है जब अनंत सिंह शुरू से खुद को इस घटना में निर्दोष बताते रहे हैं.
अदालत में अनंत सिंह की दलील
जमानत याचिका में अनंत सिंह ने दावा किया कि यह पूरा मामला राजनीतिक प्रतिशोध का परिणाम है. उनका कहना था कि न तो उनका इस घटना से कोई प्रत्यक्ष जुड़ाव है और न ही किसी तरह का अप्रत्यक्ष संबंध. उन्होंने अदालत में कहा कि चुनावी माहौल खराब करने और उनकी राजनीतिक छवि को धूमिल करने की नीयत से उन पर आरोप लगाए गए हैं. इसके बावजूद अदालत ने उनके तर्कों को स्वीकार नहीं किया और फिलहाल उन्हें राहत देने से इनकार कर दिया.
कैसे हुई थी गिरफ्तारी?
मोकामा विधानसभा क्षेत्र में चुनाव के बीच ही दुलारचंद यादव की हत्या से तनाव बढ़ गया था. पुलिस की प्रारंभिक जांच के आधार पर अनंत सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई और उन्हें मतदान से पहले ही 1 नवंबर को गिरफ्तार कर लिया गया था. अगले दिन, यानी 2 नवंबर, उन्हें कोर्ट में पेश करने के बाद बेउर जेल भेज दिया गया। यह पूरी कार्रवाई चुनावी माहौल में काफी चर्चा में रही.
पांचवीं बार विधायक बने अनंत सिंह
कानूनी मुश्किलों के बावजूद अनंत सिंह की राजनीतिक पकड़ कम नहीं हुई. मोकामा सीट से चुनाव लड़ते हुए उन्होंने आरजेडी उम्मीदवार को 28 हजार से ज्यादा वोटों से पराजित किया और लगातार पांचवीं बार विधायक बनने का रिकॉर्ड कायम किया. उनका कहना है कि उनकी बढ़ती लोकप्रियता और प्रभाव ही विरोधियों को रास नहीं आ रहा, इसी वजह से उन्हें साजिश के तहत फंसाया जा रहा है.
घटना पर अनंत सिंह का पक्ष
हत्या के बाद अपनी प्रतिक्रिया में अनंत सिंह ने बताया था कि वे टाल क्षेत्र में वोट मांग रहे थे, तभी उन्होंने देखा कि कई गाड़ियां खड़ी हैं. अचानक 'मुर्दाबाद' के नारे लगे और भीड़ आगे-पीछे होने लगी. अनंत का आरोप है कि सड़क पर पहले से ईंट-पत्थर रखे गए थे और पूरी घटना सुनियोजित थी. उन्होंने पूर्व सांसद सूरजभान सिंह पर सीधे आरोप लगाते हुए कहा कि तनाव और हिंसा फैलाने की कोशिश उन्हीं की थी. उनका दावा था कि दुलारचंद यादव सूरजभान का करीबी था और उसी के इशारे पर घटनाओं की नींव रखी गई.
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