क्या आपका नाम वोटर लिस्ट में है? क्या आपके परिवार के सभी सदस्य शामिल हैं? बिहार में इस सवाल का जवाब अब बड़ी गंभीरता से खोजा जा रहा है. वजह है— स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) 2025. निर्वाचन आयोग ने 24 जून को एक खास आदेश जारी किया, जिसके ज़रिए बिहार में मतदाता सूची को सुधारने और सही करने का एक बड़ा अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान की सबसे खास बात ये है कि यह सिर्फ नाम काटने या जोड़ने की प्रक्रिया नहीं है, बल्कि हर नागरिक को उसका मतदान अधिकार सुनिश्चित करने की कोशिश है. लेकिन इस प्रक्रिया पर बिहार में विपक्ष सवाल भी उठा रहा है.
इस पूरी प्रक्रिया को चार मज़बूत बुनियादी स्तंभों पर खड़ा किया गया है:
1. सबका साथ, सबका नाम – कोई छूटे नहीं
बिहार के लगभग 7.89 करोड़ मौजूदा वोटर्स को शामिल करते हुए, चुनाव आयोग ने तय किया है कि हर एक मतदाता को पहले से भरा हुआ फॉर्म (नाम, पता, पुराना फोटो आदि सहित) घर-घर जाकर दिया जाए.
अब तक 7.69 करोड़ से ज्यादा लोगों तक (यानि 97.42%) ये फॉर्म पहुंच चुके हैं.
बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) हर घर में तीन बार तक दस्तक दे रहे हैं— ताकि कोई छूटे नहीं.
इस प्रक्रिया में ये भी सामने आया कि कई लोग मृत हो चुके हैं या कहीं और जा चुके हैं. इसका मतलब यह भी है कि सूची से अब ऐसे नाम हटाए जाएंगे जो वास्तव में मौजूद ही नहीं हैं.
2. फॉर्म भरो, नाम जुड़वाओ
अगर आपने अपना एन्यूमरेशन फॉर्म 25 जुलाई 2025 तक भरकर दे दिया है, तो आपका नाम 1 अगस्त को जारी होने वाली ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में आ जाएगा— सीधा, साफ और सरल नियम.
खास बात यह है कि आयोग ने कहा है कि बुजुर्गों, बीमारों, दिव्यांगों, गरीबों और वंचित तबकों की मदद के लिए स्वयंसेवक भी तैनात किए गए हैं, ताकि कोई भी सिर्फ इसलिए छूट न जाए क्योंकि वो खुद चलकर BLO तक नहीं जा सकते.
अगर कोई दस्तावेज अभी नहीं है, तो 1 सितंबर 2025 तक के पास समय है— आप बाद में भी दावे या आपत्ति के साथ कागज़ जमा कर सकते हैं.
3. कौन है पात्र मतदाता? जानिए अपने अधिकार
किसी का नाम वोटर लिस्ट में होगा या नहीं, ये कोई मनमर्जी से तय नहीं करेगा. इसके पीछे संविधान और कानून की सीधी गाइडलाइन है:
व्यक्ति भारत का नागरिक होना चाहिए
18 साल या उससे अधिक उम्र होनी चाहिए
उस विधानसभा क्षेत्र में नियमित रूप से रह रहा हो
और किसी कानून के तहत अयोग्य घोषित न हुआ हो
4. नाम हटाना? लेकिन सबूत और सुनवाई के बाद ही
अब अगर किसी का नाम वोटर लिस्ट से हटाया जाएगा, तो वह किसी दबाव या शक के आधार पर नहीं होगा. इसके लिए पूरा विधिसम्मत और पारदर्शी तरीका अपनाया जा रहा है. नाम हटाने से पहले ERO दस्तावेज और फील्ड रिपोर्ट के ज़रिए जांच करेगा. यदि संदेह हुआ, तो संबंधित व्यक्ति को नोटिस देकर सुनवाई का पूरा मौका दिया जाएगा. और अगर किसी को ERO के फैसले से शिकायत हो, तो वो पहले DM के पास और फिर CEO के पास अपील कर सकता है.
क्या करना है अब आपको?
अगर आप बिहार के निवासी हैं और वोटर हैं—या बनने वाले हैं—तो बस इतना कीजिए:
अपने घर आए फॉर्म को भरिए और BLO को सौंप दीजिए.
डेडलाइन है – 25 जुलाई 2025
ड्राफ्ट लिस्ट आएगी – 1 अगस्त 2025
अंतिम दस्तावेज जमा करने की आखिरी तारीख – 1 सितंबर 2025 है.