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क्या है नेशनल हेराल्ड केस ? जवाहर लाल नेहरू ने की थी इस अखबार की स्थापना

यह मामला नेशनल हेराल्ड अखबार से जुड़ा है. साल 1938 में भारत के पूर्व पीएम जवाहर लाल नेहरू ने इस अखबार की स्थापना की थी. इसका मालिकाना हक एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड एजेएल के पास था जो दो और अन्य अखबार छापा करती थी.

Updated on: 21 Jul 2022, 07:35 PM

Patna:

ED ने आज कांग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से नेशनल हेराल्ड केस में पूछताछ की. पहले दिन की पूछताछ में ED के अफसरों ने उनसे करीब दो घंटे पूछताछ की. स्वास्थ्य कारणों के चलते उनसे आज दोबारा पूछताछ नहीं की जाएगी. अब बताया जा रहा है कि 25 जुलाई को उनसे दोबारा पूछताछ हो सकती है. सोनिया गांधी अपनी बेटी प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ ED दफ्तर पहुंचीं.ED ने प्रियंका गांधी को वहां रुकने की इजाजत दी, पूछताछ के दौरान प्रियंका और सोनिया गांधी एक ही कमरे में मौजूद रहीं और ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर लेवल के अधिकारी उनसे पूछताछ की.

फिलहाल ED ने कोई नया समन जारी नहीं किया है.  ED की कार्रवाई के विरोध में कांग्रेस ने बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन भी किया. कांग्रेस कार्यकर्ता सड़क पर उतर आए. गुवाहाटी में प्रदर्शन के दौरान हिरासत में लिए गए गुवाहाटी कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प हो गई, तो दिल्ली में कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर वाटर कैनन चलाई गई.

साल 2012 के नवंबर महीने में सुब्रमण्यम स्वामी ने केस दर्ज करावाया और केस दर्ज होने के दो साल बाद जून 2014 में कोर्ट ने सोनिया और राहुल गांधी के खिलाफ समन जारी किया था .उसी साल अगस्त में ED ने मामले का संज्ञान लिया और मनी लॉन्ड्रिंग का में मामला दर्ज किया था.19 दिसंबर 2015 में सोनिया गांधी और राहुल गांधी सहित कई अन्य आरोपियों को पटियाला कोर्ट ने नियमित जमानत दी थी. साल 2016 में SC ने कांग्रेस नेताओं के खिलाफ कार्रवाई रद्द करने से मना कर दिया था. कोर्ट ने राहत देते हुए सभी आरोपियों को व्यक्तिगत पेशी से छूट प्रदान की थी. 

साल 2018 में दिल्ली हाईकोर्ट ने सोनिया और राहुल गांधी की IT के नोटिस के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दी थी. कांग्रेस ने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की लेकिन HC के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया और आयकर विभाग की जांच जारी रखने की बात कही. यह मामला नेशनल हेराल्ड अखबार से जुड़ा है. साल 1938 में भारत के पूर्व पीएम जवाहर लाल नेहरू ने इस अखबार की स्थापना की थी. इसका मालिकाना हक एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड एजेएल के पास था जो दो और अन्य अखबार छापा करती थी.

1956 में AJL को एक गैर व्यावसायिक कंपनी के तौर पर स्थापित किया गया था और कंपनी एक्ट धारा 25 से कर मुक्त कर दिया गया. कंपनी धीरे-धीरे घाटे में जाती रही और कंपनी पर 90 करोड़ का कर्ज चढ़ गया. साल 2010 में यंग इंडियन के नाम से एक अन्य कंपनी बनाई गई.इसमें 76 प्रतिशत शेयर सोनिया गांधी और राहुल गांधी के पास रहा और बाकी का शेयर मोतीलाल बोरा और आस्कर फर्नांडिस के पास था. कांग्रेस ने अपना 90 करोड़ रुपए का लोन यंग इंडियन कंपनी को ट्रांसफर कर दिया था. लोन चुकाने में असमर्थ रहे 'द एसोसिएट जर्नल' ने सारा शेयर यंग इंडियन को ट्रांसफर कर दिया. बदले में यंग इंडियन ने सिर्फ 50 लाख  द एसोसिएट जर्नल को दिए.सुब्रमण्यम स्वामी ने एक याचिका दायर कर आरोप लगाया था की यंग इंडियन प्राइवेट ने केवल 50 लाख में 90 करोड़ वसूलने का उपाय निकाला जो नियमों के खिलाफ है.