Bihar: बिहार की इस जगह को कहा जाता है मिनी गोवा, भीषण गर्मी में मिलती है AC जैसी ठंडक
Bihar News: बिहार में एक ऐसी जगह है जिसे मिनी गोवा कहा जाता है. इस भयंकर गर्मी के बावजूद यहां पर्यटकों का जमावड़ा देखने को मिल रहा है. आइए बताते हैं कि क्या और कैसा है ये टूरिस्ट प्लेस.
Bihar News: बिहार में एक ऐसी जगह है जिसे मिनी गोवा कहा जाता है. इस भयंकर गर्मी के बावजूद यहां पर्यटकों का जमावड़ा देखने को मिल रहा है. आइए बताते हैं कि क्या और कैसा है ये टूरिस्ट प्लेस.
Bihar: भीषण गर्मी की मार की वजह से देशभर के कई पर्यटन स्थलों से सैलानियों का आवागमन प्रभावित हो रहा है, वहीं बिहार का वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (वीटीआर) इन दिनों पर्यटकों से गुलजार है. यहां की हरी-भरी वादियां, घने जंगल, कल-कल बहती गंडक नदी और वन्य जीवों की विविधता गर्मी में भी लोगों को सुकून देने वाली साबित हो रही है.
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दोगुना हो जाता है उत्साह
वीटीआर के भीतर बहती गंडक नदी के किनारे सैलानी मिनी गोवा का एहसास कर रहे हैं. नदी किनारे बैठकर लोग जहां गर्मी से राहत पा रहे हैं, वहीं जंगल सफारी में घूमते वन्य जीव पर्यटकों को रोमांचित कर रहे हैं. जंगल सफारी का अनुभव भी पर्यटकों को खूब भा रहा है. घने जंगलों के बीच, लंबी घास और झाड़ियों से होकर गुजरते रास्ते में जब हिरण, नीलगाय, जंगली सुअर या कभी-कभी बाघ दिख जाते हैं तो उत्साह दोगुना हो जाता है.
पर्यटकों का बढ़ता रुझान
वन विभाग के अनुसार 2024 में करीब 22 हजार पर्यटकों ने वीटीआर की सफारी का आनंद लिया था. वहीं मार्च 2025 तक ही अब तक 16 हजार से अधिक पर्यटक यहां पहुंच चुके हैं. इनमें 12 विदेशी पर्यटक भी शामिल हैं, जो इस जंगल की जैव विविधता और प्राकृतिक सौंदर्य से काफी प्रभावित हुए हैं.
bihar west champaran mini goa experience Photograph: (social)
टाइगर साइटिंग बनी खास आकर्षण
पर्यटकों के लिए सबसे बड़ी खासियत यहां की टाइगर साइटिंग बन गई है. अक्सर जंगल सफारी के दौरान पर्यटकों को बाघों की झलक मिल रही है, जो उनके सफर को यादगार बना रही है. इसके अलावा यहां के पक्षी, रंग-बिरंगे तितलियां और अन्य जीव-जंतु भी लोगों का मन मोह लेते हैं.
धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व
वीटीआर केवल प्राकृतिक सौंदर्य तक सीमित नहीं है. यहां कई ऐतिहासिक मंदिर और तीर्थ स्थल भी मौजूद हैं, जो सांस्कृतिक विरासत के खोजी पर्यटकों को भी अपनी ओर खींचते हैं.
सुविधाएं बढ़ने से मिली रफ्तार
वन संरक्षक सह क्षेत्रीय निदेशक डॉ. नेशामणि ने बताया कि वीटीआर में पर्यटकों की सुविधा के लिए लगातार काम हो रहा है. इससे पर्यटक संख्या में इजाफा हुआ है और आगे इसे और बेहतर बनाने की योजना है. गर्मी में जहां लोग राहत की तलाश में हैं, वहीं वाल्मीकिनगर का वीटीआर पर्यटकों के लिए एक सुकून और रोमांच से भरपूर डेस्टिनेशन बन गया है. यह पर्यटन, प्रकृति और संस्कृति का संगम है.