/newsnation/media/post_attachments/images/2023/01/03/upendra-kushwaha-and-sudhakar-singh-51.jpg)
फाइल फोटो( Photo Credit : फाइल फोटो)
सोशल मीडिया पर एक नई राजनीतिक जंग छिड़ गई है. इस बार उपेंद्र कुशवाहा और सुधाकर सिंह आमने-सामने हैं. कल उपेंद्र कुशवाहा ने सुधाकर सिंह पर निशाना साधा था, जिसके जवाब में आज सुधाकर सिंह ने उपेंद्र को लेकर 10 ट्वीट किए हैं. सुधाकर सिंह ने पुराने दिनों को लेकर तंज कसा है. ट्वीट में उन दिनों का जिक्र किया गया है जब उपेंद्र कुशवाहा नीतीश कुमार के खिलाफ थे. सुधाकर सिंह ने साल 2011 का जिक्र करते हुए लिखा है कि उस वक्त उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश काल को अलोकतांत्रिक और तानाशाही बताते हुए इस्तीफा दिया था. साथ ही 2018-2019 का जिक्र करते हुए लिखा है कि आपने नीतीश कुमार के कार्यकाल को बिहार का सबसे खराब दौर कहा था.
JDU संसदीय दल के नेता उपेंद्र कुशवाहा ने एक बार फिर RJD से मांग की है कि जो भी नेता नीतीश कुमार के खिलाफ बयान दे रहे हैं. उनके खिलाफ कार्रवाई हो. कुशवाहा ने खास तौर पर सुधाकर सिंह की तरफ इशारा किया है.
उपेंद्र कुशवाहा ने साधा था सुधाकर सिंह पर निशाना
आपको बता दें कि उपेंद्र कुशवाहा ने लिखा था कि प्रिय तेजस्वी यादव जी, जरा गौर से देखिए-सुनिए अपने एक माननीय विधायक के बयान को और उन्हें बताईए कि राजनीति में भाषाई मर्यादा की बड़ी अहमियत होती है. वे उस शख्सियत को "शिखंडी" कह रहें हैं जिन्होंने बिहार को उस खौफनाक मंजर से मुक्ति दिलाने की "मर्दानगी" दिखाई थी, वह भी तब जब उसके खिलाफ कुछ भी बोलने के पहले लोग दाएं-बाएं झांक लेते थे. ऐसे बयानों से प्रदेश की लाखों-करोड़ों जनता एवं वर्तमान जद (यू.) और तत्कालीन समता पार्टी के उन हजारों कार्यकर्ताओं की भावना को चोट पहुंचती है जिन्होंने उस दौर में Nitish Kumar जी का साथ-सहयोग दिया, कुर्बानी दी. सुधाकर जी को बताईए, कम से कम बिहार को उस खौफनाक मंजर से बाहर निकालने जैसे मर्दानगी भरे कार्यों के लिए तो नीतीश कुमार जी को बिहार का इतिहास निश्चित ही याद करेगा. अब आप ही बताइए, अबतक जनता के आशिर्वाद से राज्य में सबसे अधिक बार मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने का रिकॉर्ड कायम करने वाले इतने बड़े नेता को कोई 'नाईट गॉर्ड' कहे, यह बिहार की समस्त जनता का अपमान नहीं तो और क्या है ? ऐसे बयानों पर जितनी जल्दी रोक लगे उतना श्रेयस्कर होगा। गठबंधन के लिए और शायद आपके लिए भी.
उपेंद्र कुशवाहा पर सुधाकर सिंह का ट्विटर 'वार'
इसके जवाब में सुधाकर सिंह ने लिखा कि प्रिय उपेंद्र कुशवाहा जी, नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं. आपको जानकर खुशी होगी कि श्री लालू प्रसाद यादव जी की सामाजिक न्याय की लड़ाई को मजबूत करने वाले आप जैसे योद्धा का मैं पुराना प्रशंसक हूं. विशेष रुप से इस वजह से भी कि कई वर्षों पहले आपने नीतीश कुमार के बारे में जो भी भविष्यवाणीयां की थीं वह आज सच साबित हो रहीं है. मुझे ठीक ठीक याद है कि आपने 9 दिसम्बर 2011 को नीतीश कुमार को तानाशाह और अलोकतांत्रिक बताते हुए जनता दल यूनाइटेड से इस्तीफा दे दिया था. उस समय मुझे भी आपके इस वक्तव्य पर आश्चर्य हुआ था मगर आज आपकी दूरदर्शिता पर पर गर्व महसूस होता है. 2018-2019 में आपने नीतीश कुमार के कार्यकाल को बिहार का सबसे खराब दौर कहा था जिस दौरान बिहार की शिक्षा व्यवस्था पुरी तरह से चरमरा चुकी है. उस दौरान आपकी नजर में नीतीश कुमार सरकार चलाने के लायक नहीं थे. इन सटीक विश्लेषणों के लिए मेरा साधुवाद स्वीकार कीजिए चार वर्ष पहले आपके द्वारा आयोजित की गई “नीतीश हटाओ भविष्य बचाओ” पदयात्रा आज भी हमारे जैसे साधारण कार्यकर्ताओं के लिए प्रेरणाश्रोत है और हमें पुरी उम्मीद है कि नीतीश कुमार को हटाने के लिए जो नींव आपने चार वर्ष पहले रखी थी वह जल्द पूरी होगी.
प्रिय @UpendraKushJDU जी,
नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।आपको जानकर खुशी होगी कि श्री लालू प्रसाद यादव जी की सामाजिक न्याय की लड़ाई को मजबूत करने वाले आप जैसे योद्धा का मैं पुराना प्रशंसक हूं। विशेष रुप से इस वजह से भी कि कई वर्षों पहले आपने नीतीश कुमार के बारे(1/10) pic.twitter.com/WnIV3rPuXk
— Sudhaker Singh (@_Sudhaker_singh) January 3, 2023
सुधाकर सिंह ने लिखा कि मैने अपने राजनैतिक जीवन काल का सबसे खौफनाक मंजर रविवार 15 मार्च 2009 को देखा था जब आपके सरकारी आवास पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भारी संख्या में पुलिस बल भेजकर आपकी गैर मौजूदगी में आपकी वृद्ध माता जी, धर्मपत्नी समेत घर के तमाम सदस्यों को राजनीतिक सुचिता अथवा मर्यादा का ख़्याल किए बगैर जबरन बाहर निकालकर सरकारी आवास खाली करवाया था. हम लोग आज भी आपके साथ हुए दुर्व्यवहार को याद करके शर्मिंदगी महसूस करते हैं. आपने बिहार के हितों के लिए कई महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए हैं. कृषि मण्डी कानून आपकी पार्टी रालोसपा के घोषणा पत्र का प्रमुख हिस्सा था, जिसकी लड़ाई आज भी मैं लड़ रहा हूं. यहां तक कि नीतीश कुमार के कार्यकाल में बिहार के बदहाल शिक्षा व्यवस्था पर आपने आमरण अनशन भी किया था जिसे हमारे नेता श्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने ही आपको जूस पिलाकर अनशन खत्म करवाया था. आपने जब पूरे बिहार में खीर पकाने की बात की तो हमने पुरी तन्मयता के साथ बिल्ली से उस खीर की रक्षा के लिए तैयारी की. मगर हमें क्या पता था कि खुद बाघ ही बिल्ली को खीर की हांडी परोस आयेगा और खीर बनाने वाले को एक चम्मच खीर भी नसीब नहीं होगा. रही बात नीतीश कुमार को शिखंडी कहे जाने कि तो यह संज्ञा राजद के द्वारा आधिकारिक तौर पर कई वर्षों पहले ही नीतीश कुमार को दी जा चुकी है, उसे सहर्ष स्वीकारने के बाद ही नीतीश कुमार राष्ट्रीय जनता दल से अपनी सरकार बचाने के लिए सहयोग की गुजारिश करने आए थे. आपकी सुविधा के लिए पूर्व में आपके द्वारा दिए गए वक्तव्यों एवं अनुभवों से सम्बन्धित खबरों की कुछ तस्वीर आपसे साझा कर रहा हुं. हो सके तो इसको फ्रेम करवा कर घर में लगवा लिजिए ताकि भविष्य में आपको भी अपनी जिम्मेवारी का एहसास होता रहे और पूर्व की तरह आगे भी आप हमें मार्गदर्शित करते रहें. आपका पुराना प्रशंसक!
सोशल मीडिया पर जंग के बाद सुधाकर सिंह को लेकर नीतीश कुमार का बयान भी सामने आया है. नीतीश कुमार ने कहा कि सुधाकर को लेकर पार्टी को सोचना होगा.
यह भी पढ़ें: मंत्री आलमगीर आलम का बड़ा बयान, मॉब लिंचिंग विधेयक लागू करने की मांग
HIGHLIGHTS
- सोशल मीडिया पर छिड़ी नई राजनीतिक जंग
- उपेंद्र कुशवाहा और सुधाकर सिंह आमने-सामने
- कल उपेंद्र कुशवाहा ने साधा था सुधाकर सिंह पर निशाना
- आज सुधाकर सिंह ने उपेंद्र को लेकर किए 10 ट्वीट
- सुधाकर सिंह ने पूराने दिनों को लेकर किया तंज
Source : News State Bihar Jharkhand