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election Commission Photograph: (News Nation)
बिहार में वोटर लिस्ट की बड़े पैमाने पर जांच-पड़ताल का अभियान शुरू हो चुका है. इसे स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन कहा जाता है, जिसका मकसद है यह सुनिश्चित करना कि हर सही व्यक्ति का नाम वोटर लिस्ट में शामिल हो, और कोई गलत नाम ना रह जाए. अनुच्छेद 326 के अनुसार, केवल वही व्यक्ति मतदाता बन सकते हैं जो भारतीय नागरिक हों, 18 वर्ष से अधिक आयु के हों और संबंधित विधानसभा क्षेत्र में सामान्य रूप से निवास करते हों. इसी आधार पर बिहार के करोड़ों मतदाताओं की पात्रता की दोबारा जांच की जा रही है, और इस प्रक्रिया में सभी राजनीतिक दल सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं.
अब तक 1,54,977 बूथ लेवल एजेंट (BLA) नियुक्त
सूत्रों के अनुसार, चुनाव आयोग के पास पहले से 77,895 बूथ लेवल अधिकारी (BLO) तैनात हैं, जबकि 20,603 नए BLO भी नियुक्त किए जा रहे हैं ताकि नए मतदान केंद्रों की जरूरतें पूरी की जा सकें. इसके अलावा, एक लाख से अधिक स्वयंसेवक बुजुर्ग, दिव्यांग, बीमार और कमजोर वर्ग के मतदाताओं की सहायता में जुटे हैं. सभी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों ने अब तक 1,54,977 बूथ लेवल एजेंट (BLA) नियुक्त किए हैं, और वे भविष्य में और भी एजेंट नियुक्त कर सकते हैं.
मतदाता सूची की जांच पड़ताल कर रहा चुनाव आयोग
243 विधानसभा क्षेत्रों में 7,89,69,844 मतदाताओं के लिए नए एन्यूमरेशन फॉर्म (EF) की छपाई और घर-घर वितरण भी आरंभ हो चुका है. साथ ही, ऑनलाइन फॉर्म भरने की सुविधा भी सुचारू रूप से चल रही है. इनमें से करीब 4.96 करोड़ मतदाताओं का नाम पहले से 1 जनवरी 2003 की मतदाता सूची में दर्ज है, जिन्हें केवल पुनः पुष्टि कर फॉर्म भरना होगा. राज्य के सभी संभागीय आयुक्त और जिलाधिकारी BLO को पूरी तरह इस काम में लगाए हुए हैं, जबकि बिहार के 5.74 करोड़ से अधिक पंजीकृत मोबाइल नंबरों पर एसएमएस के जरिये जानकारी भेजी जा रही है. चुनाव आयोग एक और मतदाता सूची की जांच पड़ताल कर रहा है.