Assembly Bypoll Result 2025 Live: गुजरात की कडी सीट पर BJP को बढ़त, लुधियाना पश्चिम समेत दो सीटों पर AAP उम्मीदवार आगे
गाजियाबाद के मुरादनगर में एनकाउंटर, पुलिस ने घायल इनामी बदमाश को गिरफ्तार किया
दिलजीत दोसांझ को देख खुशी से झूम उठे बॉबी देओल, बोले- 'पंजाबी मुंडा मिल गया ओए!'
अमेरिका के अटैक के बाद ईरान ने बंद किया Strait Of Hormuz तो भारत पर क्या पड़ेगा असर? क्यों बढ़ी दुनिया की भी टेंशन
IND vs ENG DAY-4: टीम इंडिया ने चौथे दिन किए अगर ये 3 काम, तो हेडिंग्ले टेस्ट कर सकता है अपने नाम
डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को श्रद्धांजलि: केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता ने किया याद
Anupamaa: फिल्म सिटी में 'अनुपमा' के सेट पर लगी भीषण आग, करोड़ों का सामान जलकर राख
भारतीय संस्कृति की समझ डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को पढ़ने से आएगी: वीरेंद्र सचदेवा
उपचुनाव: लुधियाना-पश्चिम विधानसभा सीट पर वोटों की गिनती जारी

Bihar News: बिहार में नदियों में हिचकोले खाती 'जिंदगी', हर रोज जान हथेली पर रखते हैं लोग

शहर हो या गांव, बिहार में हर तरफ बाढ़ से हाहाकार है. उफनती नदियां लोगों को डरा रही हैं और लोगों को नदियों से दूर रहने की नसीहत भी दी जा रही है.

शहर हो या गांव, बिहार में हर तरफ बाढ़ से हाहाकार है. उफनती नदियां लोगों को डरा रही हैं और लोगों को नदियों से दूर रहने की नसीहत भी दी जा रही है.

author-image
Jatin Madan
New Update
bhagalpur flood

हादसों के बाद भी नहीं जागा प्रशासन.( Photo Credit : News State Bihar Jharakhand)

शहर हो या गांव, बिहार में हर तरफ बाढ़ से हाहाकार है. उफनती नदियां लोगों को डरा रही हैं और लोगों को नदियों से दूर रहने की नसीहत भी दी जा रही है. अभी भी कुछ गांव और वहां की आबादी आज भी उफनती नदियों में नाव पर हिचकोले खा रही हैं. पूर्णिया के अमौर प्रखंड के बिसनपुर गांव में नदी की उपधारा के दोनों ही तरफ गांव हैं, लेकिन गांव को जोड़ने वाला पुल नहीं है. यहां तक की ग्रामीणों के पास एक तरफ से दूसरी तरफ जाने के लिए नाव तक नहीं है. जिसका नतीजा है कि लोग जुगाड़ू नाव बनाकर नदी को पार करते हैं. 

Advertisment

ग्रामीणों को एक अदद पुल की दरकार

भागलपुर के खरीक प्रखंड में बसे दो गांवों सिहकुंड और लोकमानपुर के हालात भी कुछ ऐसे ही हैं. दोनों गांव कोसी के बीच टापू पर बसे हैं. चारों तरफ कोसी की उफनती धारा और बीच में बसे गांव का दृश्य देखते ही बनता है, लेकिन प्रकृति की खूबसूरती के बीच ग्रामीणों के जद्दोजहद की कहानी है. जिनके लिए आज भी आवाजाही का सहारा नाव है. ग्रामीणों के 25 हजार की आबादी सिर्फ एक नाव पर निर्भर है. हालांकि इन गांवों में दूसरी बुनियादी सुविधाएं भी नहीं हैं. दोनों ही गांवों में शासन प्रशासन की अनदेखी के चलते शहनाईयां बजनी बंद हो गई हैं. सुविधायों से वंचित इन गांवों में युवाओं की शादी नहीं हो रही है. 

यह भी पढ़ें : NDA Vs INDIA: अपने कुनबे को बढ़ाने में जुटी NDA, क्या INDIA के गठन से घबरा गई BJP?

5 सालों से अधर में लटकी योजना

इतना ही नहीं अगर कोई बीमार पड़ जाए तो उसका इलाज भगवान भरोसे ही होता है. हालांकि इन दो गांवों में जाने के लिए राज्य पुल निर्माण निगम की ओर से लोकमानपुर गांव से विजय घाट तक 44.47 करोड़ की लागत से 456 मीटर लंबा और 8.4 मीटर चौड़ा पुल बनाने की योजना है. जो पिछले 5 सालों से अधर में लटका है. प्रशासन से सवाल किया जाता है तो जल्द निर्माण का आश्वासन मिल जाता है.

दोनों ही जिलों की तस्वीरें बताने को काफी हैं कि सरकार और अधिकारी अपनी जिम्मेदारी कितनी गंभीरता से निभा रहे हैं. जनता की सेवा का वादा करने वाले जनप्रतिनिधि हों या सरकारी योजनाओं को जनता तक पहुंचाने वाले अधिकारी... सभी मानो अपनी जवाबदेही भूल गए हैं.

HIGHLIGHTS

  • नदियों में हिचकोले खाती 'जिंदगी'
  • ग्रामीणों को एक अदद पुल की दरकार
  • जान हथेली पर रख नदी पार करते लोग
  • हादसों के बाद भी नहीं जागा प्रशासन

Source : News State Bihar Jharkhand

flood in bihar heavy rain in Bihar Bihar News Rivers in Bihar
      
Advertisment