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Farmers In Buxar: बक्सर मामले में विजय सिन्हा का सरकार पर हमला, कहा- 'सुशासन नहीं गुंडाराज है'

बक्सर में किसानों के घर में आधी रात घुसकर पुलिस ने बर्बरता की है. घर में मौजूद महिलाओं और बच्चों पर पुलिस ने लाठियां बरसाईं.

Updated on: 11 Jan 2023, 03:03 PM

highlights

  • बक्सर में किसानों पर पुलिस की बर्बरता
  • विजय सिन्हा ने सरकार पर बोला हमला
  • सरकार से की माफी की मांग

 

 

Buxar:

Farmers In Buxar: बक्सर में किसानों के घर में आधी रात घुसकर पुलिस ने बर्बरता की है. घर में मौजूद महिलाओं और बच्चों पर पुलिस ने लाठियां बरसाईं. मामला मुफस्सिल थाना इलाके का है. इस दौरान पुलिस ने चार किसानों को गिरफ्तार किया है. वहीं इस मामले पर राजनीति सियासत गर्म हो चुकी है. बक्सर में पुलिस टीम पर लोगों का गुस्सा फूटा. भीड़ ने पुलिस टीम पर हमला किया. गाड़ियों में भी आग लगाई गई. वहीं भाजपा नेता विजय सिन्हा ने किसानों के साथ हुए इस घटना की निंदा करते हुए राज्य सरकार पर हमला किया है. 

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विजय सिन्हा ने सरकार पर बोला हमला
वहीं बक्सर की घटना पर नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने सरकार से माफी मांगने और अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की. किसानों का इस राज्य में दमन हो रहा है. कंपनी के अधिकारियों के साथ मिलकर किसानों की हकमारी हो रही है. ये सुशासन का राज नहीं, बल्कि गुंडाराज है. मुख्यमंत्री के नियत में खोट है. बड़े भाई छोटे भाई मिलकर बिहार को जंगलराज बना चुके हैं. अपराधियों और भ्रष्टाचारियों की जमात है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी समाधान यात्रा के बजाय भ्रष्टाचार की समीक्षा कीजिये. जनादेश एनडीए को सुशासन बनाने का था, कुशासन बनाने का नहीं मिला था.

भूमि अधिग्रहण मामले को लेकर 85 दिन से धरने पर बैठे किसान
मंगलवार थर्मल पावर के मेन गेट पर जड़ा ताला
थर्मल पावर के मेन गेट के पास धरने पर बैठे किसान
पुलिस और अधिकारी पूरे दिन 2KM दूर थे तैनात
रात के 11 बजे बनारपुर गांव के किसानों पर पुलिस ने की लाठी चार्ज))

किसानों की मांग क्या है?
2010-11 से पहले ही भूमि अधिग्रहण किया गया था
2010-11 के अनुसार किसानों को मुआवजे का भुगतान किया गया था
2022 में कंपनी ने किसानों की जमीन अधिग्रहण करने की कार्रवाई शुरू की 
किसान वर्तमान दर के हिसाब से अधिग्रहण की जाने वाली जमीन का मांग रहे हैं मुआवजा 
किसान 2 महीने से कर रहे हैं आंदोलन 

क्या है पूरा मामला
बता दें कि पुलिस ने किसानों के साथ बर्बरता की जिसे लेकर लगातार विपक्ष राज्य सरकार पर हमलावर हो रही है.  मुफस्सिल थाने के थानेदार अमित कुमार के मुताबिक एसजेवीएन कंपनी ने किसानों पर एफआईआर दर्ज करवाया है. इसी को लेकर पुलिस जब रात में पकड़ने गई, तो पहले किसानों ने ने हमला किया. जिसके बाद पुलिस ने लाठी बरसाई. हालांकि पुलिस की बर्बरता का यह पूरा मामला सीसीटीवी फुटेज में कैद हो गया. फुटेज में साफ दिखाई दे रहा है कि पुलिस किसान के घर के बाहर पहले से खड़े थे और दरवाजा बंद है. हालांकि पुलिस को इस बात की भनक तक नहीं थी कि ग्रामीण इलाके में भी सीसीटीवी लगे होंगे.