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शराबबंदी के बहाने नीतीश सरकार पर विजय सिन्हा का हमला, कहा-'कानून की आड़ में पुलिस-प्रशासन के अधिकारी हो रहे है मालामाल'

बिहार में शराबबंदी कानून लागू है लेकिन जमीनी स्तर पर इसका असर देखने को उतना नहीं मिलता जितना होना चाहिए. ताजा मामले में बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने सूबे की नीतीश सरकार और पुलिस प्रशासन पर करारा हमला बोला है.

Updated on: 16 Sep 2023, 09:46 PM

highlights

  • विजय सिन्हा ने बोला नीतीश सरकार पर करारा हमला
  • शराबबंदी कानून के बहाने कसा तंज
  • कहा-पुलिस प्रशासन के अधिकारी हो रहे हैं मालामाल

Patna:

बिहार में शराबबंदी कानून लागू है लेकिन जमीनी स्तर पर इसका असर देखने को उतना नहीं मिलता जितना होना चाहिए. ताजा मामले में बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने सूबे की नीतीश सरकार और पुलिस प्रशासन पर करारा हमला बोला है. विजय सिन्हा ने कहा है कि निजी स्वार्थ के लिये शराबबंदी कानून के प्रावधानों का मनमाना उपयोग कर अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है. उन्होंने आरोप लगाया है कि शराबबंदी की आड़ में पुलिस-प्रशासन के अधिकारी मालामाल हो रहे हैं और आम जनता को तकलीफ हो रही है. उन्होंने उच्च स्तरीय जांच की भी मांग की है.

विजय सिन्हा ने कहा है कि पुलिस की मिलीभगत से बिहार में इन दिनों शराब की होम डिलीवरी भी चल रही है जिसे बंद किया जाना चाहिए. सिन्हा ने कहा कि शराबबंदी के नाम पर गरीबों को जेल में बंद करने का खेल चल रहा है, जिसे खत्म किया जाना चाहिए. इतना ही नहीं विजय सिन्हा ने ये भी कहा है कि माफियाओं, अधिकारियों औऱ सत्ताधारी दलों के नेताओं द्वारा शराबबंदी कानून का उल्लंघन पर उनके विरुद्ध कार्रवाई का व्योरा पर श्वेत पत्र नीतीश सरकार जारी करे. 

पुलिस-प्रशासन के अधिकारी हो रहे मालामाल

बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने माननीय पटना उच्च न्यायालय द्वारा उत्पाद, मद्यनिषेध एवम निबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव सहित अन्य आला अधिकारियों पर 50 हजार रुपया जुर्माना लगाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा है कि शराबबंदी कानून का गलत उपयोग कर अधिकारी जनता को प्रताड़ित कर रहे है. विजय सिन्हा ने कहा कि राज्य में शराबबंदी कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही है. निजी स्वार्थ हेतु इसका मनमाना उपयोग कर अधिकारी मालामाल हो रहे है. शराबबंदी कानून का मुख्य उदेश्य राज्य में शराब की आपूर्ति और इसका उपयोग बंद करबाना था. लोगों को शराब नहीं मिले,इसकी चाक चौबंद व्यवस्था करनी थी. परंतु सरकार की अकर्मण्यता के कारण यह लक्ष्य असफल हो गया है. 

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शराब की बिहार में हो रही होम डिलेवरी

विजय सिन्हा ने कहा कि राज्य मे शराब की होम डिलीभरी हो रही है. शराबबंदी लागू होने के 7 वर्ष बीत चुके है. शराब माफियाओं ने इस व्यवसाय मे हजारों नाबालिगों को भी लगा रखा है. वे घर-घर शराब पहुँचाने का काम करते है. पुलिस और प्रशासन के सक्रिय सहयोग से शराब की आपूर्ति निर्वाध हो रही है. शराब माफियाओं की सत्ता से निकटता, सहभागिता औऱ नीडरता के कारण ये भय मुक्त है. शराब के अवैध व्यवसाय में इनकी जड़े गहरी हो गई है. कभी कभार ये अपने शराब के एक आध खेप को खुद सूचना देकर पुलिस से पकड़वा देते हैं. 

विजय सिन्हा ने कहा कि राज्य में जहरीली शराब से सैकडों लोगों की मौत हो चुकी है. जहरीली शराब का कारोबार भी फलफूल रहा है. सरकार इसे भी नहीं रोक पा रही है. भाजपा के दबाब में सरकार ने जहरीली शराब से मृतकों के परिजनों को अब मुआबजा देना शुरू किया है. 

कानून के नाम पर गरीबों को किया जा रहा परेशान

विजय सिन्हा ने कहा कि शराबबंदी कानून का पालन करने के नाम पर गरीबों को जेल में बंद किया जा रहा है. दलित, अति पिछड़े सहित सभी तबके के कमजोर औऱ गरीब लोग इससे पीड़ित हो रहे हैं. इनमें ज्यादातर लोग निर्दोष रहते हैं. मुकदमा औऱ जेल के कारण इन्हें कानूनी प्रक्रिया में जाना पड़ता है. काफ़ी खर्च भी होता है. सरकार को इन गरीबों पर सहानभूति रखते हुए,इन्हें कानूनी सहायता उपलब्ध कराना चाहिए. 

कार्रवाई को लेकर श्वेत पत्र जारी करे सरकार

विजय सिन्हा ने कहा कि मुख्यमंत्री को ईमानदारी से स्वीकार करना चाहिये कि पुलिस प्रशासन और माफियाओं के गठबंधन के कारण शराबबंदी कानून विफल हो चुका है. इस गठजोड़ को तोड़ने और शराबंदी को सफल बनाने हेतु सरकार को सख्ती से निपटना होगा. विजय सिन्हा ने कहा कि माफियाओं, अधिकारियों और सत्ताधारी दलों के नेताओं द्वारा राज्य में शराबबंदी कानून का उल्लंघन के कई मामले उजागर हुए हैं. इन मामलों में कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति की गई है. नियमानुसार उन्हें भी जेल में होना चाहिए. सरकार से मांग करते हैं कि एक श्वेत पत्र जारी करे ताकि राज्य की जनता भी शराबबंदी कानून के नाम पर हो रहे धांधलियों से अवगत हो सके.