कुलपतियों की नियुक्ति का मामला: बिहार सरकार और राजभवन में छिड़ी 'जंग' थमी, अब All is Well
सीएम नीतीश कुमार ने अब इस मसले पर पूरी तरीके से विराम लगा दिया है. मामले को लेकर सीएम ने कहा कि बिहार सरकार और राजभवन के बीच किसी भी प्रकार का कोई मतभेद नहीं है. सब कुछ ठीक है. कोई टकराव की स्थिति नहीं है.
highlights
- विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति का मामला
- बिहार सरकार और राजभवन के बीच विवाद खत्म
- सीएम नीतीश बोले-किसी भी प्रकार का कोई विवाद नहीं है
- शिक्षा विभाग ने भी वापस लिया अपना नोटिफिकेशन
Patna:
बिहार सरकार और राजभवन के बीच विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर छिड़ी जंग अब खत्म हो गई है. शिक्षा विभाग द्वारा अपने उस नोटिफिकेशन को वापस ले लिया गया है जिसमें उसके द्वारा विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति का आवेदन मांगा गया था. सीएम नीतीश कुमार ने अब इस मसले पर पूरी तरीके से विराम लगा दिया है. मामले को लेकर सीएम ने कहा कि बिहार सरकार और राजभवन के बीच किसी भी प्रकार का कोई मतभेद नहीं है. सब कुछ ठीक है. कोई टकराव की स्थिति नहीं है. सीएम ने कहा कि अभी दो दिन पहले उन्होंने राज्यपाल से मुलाकात की है.
वहीं, बिहार में शिक्षक बहाली को लेकर सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में शिक्षक का बहुत अच्छी तरीके से बहाली किया जा रहा है और हमारी सरकार सभी वर्गों के हितों को ध्यान में रखकर काम कर रही है. राज भवन और शिक्षा विभाग में किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत या प्राब्लम नहीं है. सब ठीक है और आगे भी ठीक रहेगा. सबको मिलजुल कर काम करना होगा. मिलजुल कर सब काम हो भी रहा है और बहुत अच्छे ढंग से कम हो रहा है. सीएम ने कहा कि यदि कहीं भी कुछ खाली रहता है तो उसे मिलकर पूरा किया जाएगा. उन्होंने कहा कि हम लोग शिक्षा के पक्ष में है इसलिए किसी भी प्रकार की कोई चिंता करने की जरूरत नहीं है और ना ही कोई चिंता की बात है. सबकुछ ठीक चल रहा है.
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क्यों आ रही थीं टकराव की खबरें?
दरअसल, शिक्षा विभाग द्वारा राज्य के 7 विश्वविद्यालयों जिनमें पटना यूनिवर्सिटी, जयप्रकाश यूनिवर्सिटी छपरा, बीआरए बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर, बीएनमंडल यूनिवर्सिटी, मधेपुरा एलएन मिथिला यूनिवर्सिटी, दरभंगा, संस्कृत विश्वविद्यालय, दरभंगा, और आर्यभट्ट यूनिवर्सिटी पटना के कुलपति पद के लिए आवेदन मांगे गए थे. आवेदन की अंतिम तिथि 13 सितंबर 2023 तय की गई थी. आवेदन दोनों मोड यानि ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से स्वीकार किए जाने की भी बात नोटिफिकेशन में कही गई थी लेकिन अब शिक्षा विभाग द्वारा नया नोटिफिकेशन जारी करके अपना फैसला वापस ले लिया गया है और अब राज्यपाल ही कुलपतियों की नियुक्ति करेंगे.
राजभवन ने भी निकाली थी विज्ञप्ति
बता दें कि इससे पहले राजभवन के द्वारा कुलपतियों की नियुक्ति से जुड़ा विज्ञापन निकाला जा चुका है. अब बिहार सरकार ने भी विज्ञापन निकाल दिया है. बताते चलें कि राज्यपाल ही बिहार के विश्वविद्यालयों के चांसलर यानि कुलाधिपति होते हैं और वो ही कुलपतियों की नियुक्ति करते हैं लेकिन अब बिहार सरकार खुद कुलपतियों की नियुक्ति करेगी. इस फैसले से बिहार सरकार और राजभवन के बीच टकराव की स्थिति उत्पन्न हो गई थी.
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