बिहार में 2016 से शराबबंदी लागू है. उसके बाद से शराबबंदी कानून को लेकर कई बार संशोधन भी किया जा चुका है, लेकिन इसके बाद भी राज्य में इसे सफल नहीं बनाया जा सका है. शराबबंदी वाले बिहार में 'शराबबंदी' सफल नहीं है. यह बयान खुद जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा. इसके साथ ही कुशवाहा ने कहा कि विपक्ष को एक और मुद्दा दे दिया है. उन्होंने कहा कि जब तक जनता नहीं चाहेगी, तब तक शराबबंदी सफल नहीं होगी. सिर्फ़ सरकार के कहने से शराबबंदी सफल नहीं हो सकती है. दरअसल, उपेंद्र कुशवाहा महुआ के सिंघाड़ा गांव में मंगलवार की देर रात एक श्रद्धांजलि कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे थे. जहां उन्होंने श्रद्धांजलि सभा में भाग लिया और तैल चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दिया.
इस दौरान पार्टी के कई स्थानीय कार्यकर्ता उपेंद्र कुशवाहा के साथ मौजूद रहे. तय कार्यक्रम के बाद जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने पत्रकारों के सवाल का बेहद सहजता से जबाब देते हुए स्पष्ट कर दिया कि बिहार में पूर्ण शराब बंदी सफल नहीं है. हालांकि उन्होंने जोर देकर कहा कि शराब बंदी से लोगों को फायदा हो रहा है और आम लोगों को इसमें अपनी भागीदारी देनी चाहिए. कुशवाहा ने यह भी कहा कि गुजरात चुनाव में पार्टी चुनाव लड़ेगी. इतना ही नहीं उपेंद्र कुशवाहा ने माना कि बिहार में अपराध हो रहे हैं, लेकिन साथ ही दावा किया कि इसके रोकथाम के लिए पुलिस प्रयास भी कर रही है.
निश्चित तौर पर उपेंद्र कुशवाहा राष्ट्रीय स्तर के एक बेहतरीन नेता हैं. बातों को सहजता से पड़ोसने की उनकी अद्भुत कला उन्हें खास बनाती है, लेकिन जिस शराब बंदी को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूर्णता सफल बना रहे हैं, उसी शराबबंदी की सफलता पर सवालिया निशान खड़ा कर निश्चित तौर से उपेंद्र कुशवाहा ने अपनी ही पार्टी को कटघरे में ला दिया है. जाहिर है ऐसे में विपक्ष इस मुद्दे को भुनाने का कोई मौका छोड़ना नहीं चाहेगी. देखने वाली बात होगी कि उपेंद्र कुशवाहा के इस बयान के क्या-क्या मायने निकाले जाते हैं.
रिपोर्टर- दिवेश कुमार
Source : News State Bihar Jharkhand