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बे-मौसम बारिश फसलें तबाह, जानिए कितनी मिलेगी सहायता राशि

रोहतास में बे-मौसम बारिश से अन्नदाता पर आफत आ गई है. बरसात और ओलावृष्टि ने गोभी, सरसों और गेंहू जैसे फसलों को बर्बाद कर दिया है.

Updated on: 27 Mar 2023, 05:01 PM

highlights

  • बे-मौसम बारिश से अन्नदाता पर आफत 
  • बारिश की जद में फसलें
  • किसानों की आंखों में आंसू

Rohtas:

रोहतास में बे-मौसम बारिश से अन्नदाता पर आफत आ गई है. बरसात और ओलावृष्टि ने गोभी, सरसों और गेंहू जैसे फसलों को बर्बाद कर दिया है. बारिश ने किसानों की अच्छी पैदावार के अरमानों पर पानी फेर दिया है. प्रकृति के कहर के आगे अन्नदाता बेबस नजर आ रहे हैं. अभी तक जो फसलें खेतों में लहलहा रही थी आज वो जमीन पर बिछी पड़ी हैं. जिन किसानों के चेहरे पर हरियाली की चमक थी आज खराब फसल की मायूसी साफ झलक रही है. बेमौसम बारिश ने बिहार के किसानों की कमर तोड़ कर रख दी है. 

बारिश की जद में फसलें

चंद दिनों पहले पश्चिमी विक्षोभ ने बिहार के कई जिलों को अपनी जद में लिया. अचानक तेज आंधी के साथ हुई आई बारिश ने किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें ला दी हैं. रोहतास के कई इलाकों में बेमौमस बरसात और ओलावृष्टि ने गोभी, सरसों और गेंहू जैसे फसलों को बर्बाद कर दिया है. खेतों में फसलें पक कर तैयार थी, लेकिन बारिश ने किसानों के अच्छी पैदावार के अरमानों पर पानी फेर दिया है.

किसानों की आंखों में आंसू

रोहतास जिला मुख्यालय सासाराम प्रखंड के करपुरवा के किसान छाती पीट रहे हैं. बर्बाद फसलों को देख आंखों में आंसू है और चेहरे पर हताशा. किसानों की मानें तो बारिश से तो पहले ही फसलें बर्बाद हो गई थी, लेकिन बड़े-बड़े ओलों ने बची कुची कसर भी पूरी कर दी. ओलावृष्टि से खेतों में लगे फूल गोभी, सरसों और गेंहू की फसलों को नुकसान पहुंचा है. जिन किसानों का घर इन्हीं फसलों पर निर्भर था. उनके सामने दो वक्त की रोटी पर आफत हो रही है. कर्ज लेकर खेती करने वाले किसानों के सामने तो मानो मुसीबत का पहाड़ खड़ा हो गया है.

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कितनी मिलेगी सहायता राशि

वहीं, रोहतास जिला कृषि पदाधिकारी का कहना है कि जिले में 319 हेक्टेयर में ओलावृष्टि से नुकसान का आंकलन किया गया है सरकार के पास आंकलन रिपोर्ट भेज दी गई है. कृषि पदाधिकारी के मुताबिक 13,500 रुपए प्रति हेक्टेयर सिंचित क्षेत्र और 6800 रुपए अंसिचित क्षेत्र के लिए अनुदान देने का प्रावधान है. सरकार के निर्देश पर किसानों का आवेदन लेकर सहायता राशि बांट दी जाएगी.

रिपोर्ट तैयार

इस महंगाई के समय में खाद, बीज, जुताई और सिंचाई सहित खेती का खर्चा काफी महंगा हो चुका है. इसे किसान कर्ज लेकर ही पूरा करता है. और इस बारिश ने जिले के किसानों को प्रभावित किया है. राहत यही है कि प्रशासन ने नुकसान की रिपोर्ट सरकार को भेज दी है. बस इंतजार है सरकार के निर्देश का ताकि मायूस किसानों के जख्म पर सहायता राशि का मरहम लग सके.

रिपोर्ट : मिथिलेश कुमार