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बिहार में बेलगाम होते अधिकारी, सीएम नीतीश कुमार ने दिया कड़ा संदेश

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार में सुशासन का दावा करते हैं, लेकिन सुशासन के शासन तंत्र में बवाल है. डीजी से आईजी तक और आईएएस से लेकर एएसपी तक सभी किसी न किसी कारण से विवादों में है.

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Jatin Madan
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फाइल फोटो( Photo Credit : फाइल फोटो)

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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार में सुशासन का दावा करते हैं, लेकिन सुशासन के शासन तंत्र में बवाल है. डीजी से आईजी तक और आईएएस से लेकर एएसपी तक सभी किसी न किसी कारण से विवादों में है. आईएएस अपशब्द बोल रहे हैं, डीजी और आईजी में तू-तू, मैं-मैं चल रही है और एएसपी सिपाही से करा रहे हैं मालिश. आलम ये है कि जिन अधिकारियों के बदौलत इस सरकार को चलाने की बात होती है फिलहाल वो अधिकारी आपस में गुत्थम गुत्थी करते नजर आ रहे हैं. बिहार के प्रशासनिक महकमे में तीन हाई प्रोफाईल मामले से हड़कंप मच गया है. कहीं जांच तो कहीं कार्रवाई की तैयारी चल रही है. 

IPS अपने जूनियर को दे रहे हैं गाली
सबसे पहले आईएएस अधिकारी केके पाठक का अपशब्द बोलते हुए विवादित वीडियो सामने आया. जिसे लेकर बिहार प्रशासनिक सेवा संघ ने ही मोर्चा खोल दिया और केके पाठक के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने लगे.  मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूरे मामले की जांच मुख्य सचिव को करने को कहा है. वहीं, अपर मुख्य सचिव केके पाठक की ओर से ईओयू को दो दिन पहले वीडियो मामले में प्राथमिकी दर्ज करने के लिए आवेदन दिया गया है. आवेदन में सरकारी बैठक का चोरी-छिपे वीडियो बनाने और उसे इंटरनेट पर वायरल करने को लेकर आपत्ति जताई गयी है. इसको लेकर ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट का हवाला देते हुए प्राथमिकी दर्ज करने का आवेदन दिया गया है. 

डीजी और आईजी में तू-तू मैं-मैं
वहीं, अग्निशमन विभाग की डीजी शोभा ओहतकर और आईजी विकास वैभव के बीच का टेशन जारी है. आईजी ने डीजी पर मानसिक रूप से प्रताड़ित करने और अपशब्द का इस्तेमाल करने का आरोप ट्वीट के जरिए लगाया. डीजी ने आईजी को शो कॉज नोटिस भेजा जिसके जवाब का इंतज़ार हो रहा है और इधर फुलवारीशरीफ के एएसपी मनीष के खिलाफ प्रोसिडिंग की तैयारी में पुलिस मुख्यालय है. एएसपी का सिपाहियों से मालिश करवाते वीडियो वायरल हो गया है. तीनों में मामले में नीतीश कुमार की सरकार पूरी घिरी हुई है.

सीएम अधिकारियों को दे रहे कड़ा संदेश
जो कुछ प्रशासनिक महकमे में हो रहा है वो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी नागवार गुजर रहा है. समाधान यात्रा के दौरान उन्होंने कई बार अपनी नाराजगी जाहिर की है. वहीं, पुलिस मुख्यालय पूरे मामले पर नजर बनाए बैठा है. एडीजी जेएस गंगवार ने बताया कि आईएएस केके पाठक का मामला इओयू देख रही है और एएसपी मनीष के मामले में पुलिस मुख्यालय जल्द निर्णय ले सकता है,लेकिन डीजी-आईजी विवाद पर पुलिस मुख्यालय कुछ भी कहने से बचता दिख रहा है. इस विवाद के बीच डीजी और आईजी विवाद में एक नया मोड़ आ गया है. होमगार्ड एंड फायर सर्विस के आईजी विकास वैभव ने गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखा है. पत्र में वर्तमान पद से मुक्त करने का आग्रह किया है. फिलहाल उन्होंने कारण बताओ नोटिस का जवाब नहीं दिया है.

बीजेपी सरकार को कटघरे में कर रही खड़ा
इस पूरे मसले पर राजनीति भी तेज हो गई है. बीजेपी सरकार को कटघरे में खड़ा कर रही है. बीजेपी का कहना है कि सरकार अब नीतीश कुमार से चल ही नहीं पा रही है. अधिकारियों के भरोसे सरकार चलाने का दावा करने वाले मुख्यमंत्री अब अधिकारियों को संभाल नहीं पा रहे. वहीं, राष्ट्रीय जनता दल सरकार के बचाव में खड़ी है.

राजनीतिक बयान बाजी एक तरफ लेकिन ये सच है कि बिहार में इस वक्त सब कुछ ठीक नहीं चल रहा. तमाम दावों के बावजूद भी प्रशासनिक महकमे में जिस तरीके का हड़कंप मचा है. जिसे देखकर ऐसा लगता है कि फिलहाल महागठबंधन की सरकार को चलाना नीतीश कुमार के लिए चुनौती है.

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HIGHLIGHTS

  • बिहार में बेलगाम होते अधिकारी
  • IPS अपने जूनियर को दे रहे हैं गाली
  • डीजी और आईजी में तू-तू मैं-मैं
  • सीएम अधिकारियों को दे रहे कड़ा संदेश
  • बीजेपी सरकार को कटघरे में कर रही खड़ा

Source : News State Bihar Jharkhand

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